News portals-सबकी खबर (सराहा -नाहन) U-19 बॉयज हिमाचल प्रदेश की राज्य स्तरीय संस्कृतिक प्रतियोगिता राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नेरवा (शिमला) में संपन हुई । राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कांगर धारयार (सराहा ब्लॉक) के दसवीं कक्षा के छात्र आशीष तोमर ने जिला सिरमौर का भाषण प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा प्रदेश के दस अन्य जिले भी प्रतियोगिता में शामिल हुए। जिसमे अशीष ने प्रथम स्थान हासिल कर प्रदेश स्तर पर विद्यालय का नाम रोशन किया। “विद्या ददाती विनयम ” विषय पर विचार व्यक्त करते हुए बताया विद्या क्या है ? विद्या वो है जिससे हो चरित्र निर्माण, जब होगा चारित्र निर्माण तभी बनेगा भारत महान। विद्या अलख जगाती है मानवता निर्मात्री है मनसा वाचा कर्मणा मानव को राह दिखाती है। चारित्र हीन उदंडी प्रपंची होने से जो रोक वो है विद्या, मानव का संपूर्ण विकास कराए वो है विद्या, विनम्रता जो सिखलाए वो है विद्या।अपने भाषण में अशीष ने बताया कि आज के समय में विडम्बना यह है कि, आज कल, बस लोग किताबी ज्ञान हासिल कर रहे है जिससे की लोग कितने भी पढ़े लिखे लोग क्यों न हो जाय उनमे सदैव बुद्धि तथा विवेक का अभाव होने के कारण जहाँ विनय का बसेरा होना चाहिए था, दुर्भाग्यवश वहां अहंकार की उत्पत्ति हो रही हैं । और बताता कि आज के समय में लोग जिसे विद्या कह कर सम्बोधित करते है वह विद्या नहीं बल्कि मात्र एक सूचना का माध्यम बन गया है। क्योंकि सूचनाएं तो संवाद व पुस्तकों के माध्यम से भी प्राप्त हो जाया करती है परन्तु आप उसमे विवेक का प्रकाश कहाँ से लाएंगे। वह तो मनुष्यों में अन्तर्निहित है, जिसे मनुष्यों को स्वयं जागृत करना पड़ता है। और विवेक की रौशनी किसी पुस्तकालय अथवा कोचिंग संस्था से प्राप्त नहीं होती। ये तो अच्छे गुरु, अच्छे संस्कार तथा धर्मशास्त्रों से ही प्राप्त होती है।विद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के प्रवक्ता श्री सुरेश कुमार ने बताया कि प्रदेश स्तर के प्रतियोगिता में हर जिले से चुनिंदा छात्र ही भाग लेते है और प्रतियोगता में प्रथम स्थान हासिल करना बेहद मुश्किल होता है। लेकिन अशीष ने जिस तरह से अपनी प्रस्तुती दी वह काबीलिय तारीफ करने वाली थी जिसकी सभी अध्यापक व उपस्थिति दर्शकगणों ने भी सराहना की । विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री राज कुमार पराशर व सामस्त स्टाफ ने अशीष के इस उपलब्धि के लिए उसे बधाई व शुभकामन्ये दी। अशीष के पिता श्री हिमेदर सिंह व माता मंजू देवी उसकी इस उपलब्धि के लिए बेहद प्रसन्न है।
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