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कोरोना की सक्रिय हुई दूसरी लहर के चलते हिमाचल प्रदेश में सामाजिक भीड़ पर फिर बंदिशें जारी हो गई हैं। इसके साथ ही प्रदेश में अब 23 मार्च के बाद किसी भी मेले या दंगल का आयोजन नहीं होगा। सामाजिक एवं सरकारी सभी प्रकार के आयोजनों के लिए बंदिशों के साथ नई शर्तें लागू हो गई है। खुले में आयोजनों के लिए 50 फीसदी की क्षमता और कवर्ड एरिया में इसी क्षमता के साथ अधिकतम 200 लोगों की कड़ी शर्त लगा दी गई है। शुक्रवार शाम कोविड की समीक्षा के बाद जयराम मंत्रिमंडल ने कोविड को लेकर नई बंदिशें व दिशा निर्देश जारी किए हैं। कैबिनेट के ये फैसले तुरंत प्रभाव से लागू होंगे। नो मास्क-नो सर्विस के निर्देश सरकारी व निजी सभी संस्थानों में सख्ती से लागू होंगे। अहम है कि प्रदेश में स्कूल, कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्थान फिलहाल यथावत चले रहेंगे। प्रदेश मंत्रिमंडल की अगली बैठक होली पर्व को 28 मार्च के आस-पास दोबारा आयोजित होगी। इस दौरान शिक्षण संस्थानों के संचालन पर पुनर्विचार होगा। विधानसभा बजट सत्र के बाद आयोजित इस बैठक में सबसे अहम फैसला मेलों पर लिया गया है। इसमें कहा गया कि वर्तमान में चल रहे मेलों के संचालन की 23 मार्च तक अनुमति रहेगी।
इसके बाद प्रदेश में आगामी आदेशों तक सभी मेले और दंगलों पर रोक रहेगी। कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने कोविड प्रबंधों, इसके प्रभाव व मौजूदा स्थिति को लेकर प्रेजेंटेशन दी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने सक्रिय हुई कोरोना की दूसरी लहर को लेकर कैबिनेट को वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। प्रेजेंटेशन के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोविड की बंदिशों को लेकर सख्ती लागू करने की सिफारिश की। लंबे मंथन के बाद जयराम मंत्रिमंडल ने तय किया कि इस समय चल रहे मेलों को बंद करना संभव नहीं है। इसलिए इन्हें 23 मार्च तक यथावत संचालित करने की अनुमति दी गई है। कैबिनेट ने अपने पारित निर्णय में कहा है कि इसके बाद हिमाचल में प्रस्तावित मेलों व दंगलों पर रोक रहेगी। कैबिनेट के इस फैसले के बाद होली के ऐतिहासिक सुजानपुर व पालमपुर मेलों का आयोजन भी खटाई में पड़ गया है। इसके अलावा प्रदेशभर में दंगल व अन्य मेलों के आयोजन की चल रही तैयारी भी रोकनी पड़ेगी।
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