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November 24, 2024

प्रदेश में 15 हजार फीट से ऊपर की ट्रैकिंग पर प्रतिबंध|

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समुद्रतल से 5458 मीटर ऊंचे अली रत्नी टिब्बा से पश्चिम बंगाल के चार ट्रैकर लापता हो गए हैं। उनकी तलाश व बचाव के लिए तीन अगल-अलग टीमें रवाना हो गई है। इसकी सूचना गुरुवार रात करीब दस बजे जिला प्रशासन व जरी पुलिस को मिली। इसके बाद मणिकर्ण घाटी से छापेराम नेगी रेस्क्यू दल के पांच लोग रवाना हो गए हैं। जबकि शुक्रवार सुबह मनाली के अटल बिहारी बाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान से 15 लोगों का दल भी रवाना हुआ है। जबकि मलाणा से तीसरा दल दो लोगों का निकला है, जिसमें ट्रैकर दल का रसोइया व एक स्थानीय युवक गए  है। लेकिन अभी तक लापता ट्रैकरों का कोई भी पता नहीं लग पाया है।

प्रदेश  में 15000 फुट से ऊपर की ऊंचाई वाले सभी ट्रैक 15 सितंबर से बंद हो जाएंगे। राज्य के आपदा प्रबंधन निदेशालय ने इस बारे में प्रतिबंध लगाने के निर्देश सभी जिला उपायुक्तों को दिए हैं। यह कदम हाल ही में किन्नौर और कुल्लू जिलों में ट्रैकिंग के दौरान हुए हादसों के बाद उठाया गया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को कुल्लू के मणिकर्ण क्षेत्र में रतनी डिब्बा ट्रैकिंग पर गए बेस्ट बंगाल के कुछ ट्रैकर के लापता होने का समाचार मिला है। इससे पहले किन्नौर के किमलोग पास में इसी तरह का हादसा हुआ था। इन हादसों को देखते हुए निदेशक आपदा प्रबंधन सुदेश कुमार मोख्टा की ओर से ये निर्देश सभी जिलों को जारी हुए हैं। इनमें यह कहा गया है कि सभी जिले अपने यहां जहां भी 15000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई वाले ट्रैकिंग रूट और पास हैं और ऐसे पास भी जहां हादसे होते रहते हैं, में 15 सितंबर से ट्रैकिंग पर प्रतिबंध लगाएं। अब राज्य में 15 सितंबर के बाद कहीं भी हाई एल्टीट्यूड ट्रैकिंग नहीं होगी।

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