दिखाई ईमानदारी – जबरन मजदूर बनाए गए जय राम व उनके परिजन सरकार को लौटाएंगे रकम |
न्यूज़ पोर्टल्स : सबकी खबर (संगड़ाह)
केंद्र सरकार योजनाओ को ठेंगा देखते हुए कई पंचायती राज ने सरकार से दो कदम आगे निकली हे | हालाँकि केंद्र सरकार भले ही मनरेगा जैसी योजनाओं की पेमेंट सीधे लाभार्थियों के खाते में डालने को भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए कारगर कदम मान रही हों, मगर भ्रष्टाचार के आदि हो चुके सिस्टम के कुछ लोग सरकार के हर ऐसे कदम से दो कदम आगे निकाल लेते हैं।
ऐसा ही मामला संगड़ाह ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली पंचायत देवना के जय राम, उनकी पत्नी संतोष, बेटा बलबीर शर्मा व बहु कमलेश के खातों में संबंधित पंचायत अथवा ग्रामीण विकास विभाग कर्मियों द्वारा बिना मजदूरी के कुल 11,040 रूपए की मनरेगा मजदूरी की राशि करवाई गई। उक्त परिवार के चारों लोगों के अनुसार उन्होंने न तो मजदूरी की और न ही साल मनरेगा में काम करने के लिए आवेदन किया।
पंचायत सदस्य रह चुके जय राम ने यहां जारी बयान में कहा की, पंचायत प्रधान, रोजगार सेवक, सचिव व बीडीओ कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत से मनरेगा में धांधली की जा रही है। उन्होंने कहा कि, इस तरह के फर्जी मजदूरों को दो-चार सौ रुपए देकर संबंधित कर्मचारी व पंचायत प्रतिनिधी बाकी रकम उनसे निकासी फार्म पर हस्ताक्षर करवाकर कैश ले लेते हैं।
परिवार के चारों सदस्यों के अकाउंट में 17, मई, 2019 को क्रमशः 2,760 रुपए प्रत्येक के हिसाब से मजदूरी की राशि जमा करवाई गई। खंड विकास अधिकारी संगड़ाह रमेश शर्मा ने जयराम व उनके परिवार के सदस्यों के खाते में आई राशि की ट्रांजेक्शन आईडी से उक्त रकम मनरेगा के तहत ट्रांसफर होने की पुष्टि की। बीडीओ ने कहा कि, शिकायत मिलने पर जांच व कार्यवाही की जाएगी।
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