Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 23, 2024

प्रदेश की शान बना “बंदला” देश का दूसरा हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, पीएम करेंगे लोकार्पण

News Portals सबकी खबर(बिलासपुर)

देश के विकास के लिए हमेशा बलिदान देने वाला हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर जिला अब विकास की राह पर है। एम्स के बाद अब यहां शिक्षा के क्षेत्र का बड़ा संस्थान देश का दूसरा हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भी बनकर तैयार है। इस संस्थान का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को शिमला दौरे के दौरान ऑनलाइन किया था। अब करीब साढ़े पांच साल बाद प्रधानमंत्री पांच अक्तूबर को मोदी ही औपचारिक रूप से इसे हिमाचल को समर्पित करेंगे। साल 2009 में वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बिलासपुर की बंदलाधार में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने का सपना देखा। 29 जुलाई 2016 को दिल्ली में इसका एमओयू साइन हुआ।

नई दिल्ली में हिमाचल सरकार, एनएचपीसी और एनटीपीसी के बीच इसको लेकर एमओयू साइन किया गया। उस समय तक यह देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज था, लेकिन बंदला में कॉलेज भवन का निर्माण करने और अन्य प्रक्रिया पूरी करने में समय लगा। इस बीच उत्तराखंड के टिहरी में कॉलेज शुरू हो गया।  वर्ष 2017-18 से कॉलेज में पहला बैच नगरोटा बगवां में शुरू हुआ। इसमें दोनों निगम एनएचपीसी और एनटीपीसी ने प्रथम चरण में 75 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 50 करोड़ रुपये का योगदान किया। कॉलेज में सिविल, इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग की 240 सीटें भरी जाएंगी। वर्तमान में सिविल और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में ही कक्षाएं लग रही हैं। हर पाठ्यक्रम में 60-60 सीटों के लिए एडमिशन हुआ है।

हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक राजेश्वर गोयल, एनटीपीसी की ओर से क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक हाइड्रो केके सिंह और एनएचपीसी की ओर से कार्यकारी निदेशक (सीएसआर एंड एसडी) एच. मित्रा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल, तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर और प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली मौजूद थे।

हिमाचल प्रदेश में 20,000 मेगावाट से अधिक की हाइड्रो पावर क्षमता है। देश में इसका लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा हिमाचल प्रदेश में ही उत्पादित होता है। एनटीपीसी और एनएचपीसी राज्य में कई परियोजनाओं के संचालन और निर्माण में लगी हुई हैं। हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बंदला की अधिसूचना नौ सितंबर 2016 को राज्य सरकार ने जारी की थी। कॉलेज सोसाइटी का पंजीकरण 17 मार्च 2017 को हुआ। नगरोटा बगवां में सिविल, इलेक्ट्रिकल ट्रेड में अकादमिक सेशन साल 2017-18 शुरू हुआ। बंदला में भवन निर्माण के लिए चार अप्रैल 2018 को टेंडर जारी हुआ और जुलाई 2018 में निर्माण शुरू हुआ। 75 करोड़ कॉलेज की प्रारंभिक लागत थी, जो बढ़कर 105 करोड़ हुई, मास्टर प्लान में बदलाव के बाद 140 करोड़ इसकी लागत पहुंची है। इसका 25 माह में निर्माण कार्य पूरा होना था, लेकिन कोविड के कारण इसके निर्माण में देरी हुई और यह 2021 में तैयार हुआ। दिसंबर 2021 में प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू हुईं। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) ने बंदला में 2021-22 के बैच के लिए एक सितंबर 2021 को अनुमति दी। वहीं अब 21 सितंबर 2022 को पूरा कॉलेज बंदला शिफ्ट किया गया। वर्तमान में प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष की कक्षाएं बंदला में शुरू हुई हैं। 529 प्रशिक्षु सिविल और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

भविष्य में मेकेनिकल और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में ट्रेड शुरू होंगे। वहीं कॉलेज में भविष्य में एमटेक और एमटेक के बाद सिविल और इलेक्ट्रिकल विषयों पर पीएचडी करवाने की योजना है। कॉलेज 65.18 बीघा भूमि पर बना है। इसमें अकादमिक भवन, गर्ल्स, ब्वॉयज हॉस्टल, यूजी टैंक, रेन वाटर कलेक्शन टैंक, फैकल्टी के लिए आवासीय भवन और परिसर में अन्य निर्माण किया गया है। पूरे कॉलेज में निशुल्क वाई-फाई की सुविधा है, ताकि प्रशिक्षुओं को इंटरनेट की सुविधा मिल सके।

Read Previous

कुमारसैन में बोले सीएम जयराम ठाकुर, सरकार ने कार्यभार संभालने के साथ ही बदले कई रिवाज

Read Next

विवाहिता के परिजनों ने सुसराल पक्ष पर हत्या करने का शक, शिकायत दर्ज

error: Content is protected !!