News portals-सबकी खबर (शिलाई)
जिला सिरमौर के गिरिखण्ड क्षेत्र, जिला शिमला, जिला कुल्लू के निरमण्ड क्षेत्र व उत्तराखण्ड प्रदेश के भावर जौनसार क्षेत्र में समृद्ध संस्कृति की परिचायक बूढ़ी दिवाली का आगाज हर्षोउल्लास के साथ शुरू हो गया है! अमावस्या की रात्री को विभिन्न खुन्दो में बसे खशिया समुदाय के लोग पारम्परिक बाध्य यंत्रों के साथ गांव के देवालय आंगन तथा साँझा आँगन में देर रात मशाले लेकर ढोल नगाड़ों के साथ एकत्रित हुए तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश रात्रि में मशाले जलाकर पारंपरिक लोक गाथाओ के साथ क्षेत्र वासियों को दिया गया है।
प्रशासनिक सूचना के आधार पर क्षेत्र में स्थानीय छूटी रही क्षेत्रीय लोग अपने अपने गावँ में बूढ़ी दिवाली पर्व का आनंद लेते नजर आए पर्व का दूसरा दिन भियूँरी के नाम से मनाया गया, ऐतिहासिक तौर पर राजा जालन्धर, खशिया सामुदाय की लड़की भियूँरी को उठाकर अपने साथ लेकर गया था दिवाली पर्व के लिए भियूँरी अकेली वापिस अपने मायके आ रही थी कि भियूँरी का घोड़ा ढंगार से गिर गया, जिसके बाद बूढ़ी दिवाली के दूसरे दिन भियूँरी को क्षेत्र में याद किया जाता है तथा बिना बाध्य यन्त्र के भियूँरी विरह गीत गाया जाता है
पारम्परिक रिवाज के मुताबिक बच्चो व लड़कियों को क्षेत्रीय व्यंजन मुड़ा, शाकुली, अखरोट वितरित किये गए है अगले 5 दिनों तक क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली पर्व की धूम चलती रहेगी जिसमे हरदिन अलग अलग पकवान, व नाच गाने का दौर चलता रहेगा।
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