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November 22, 2024

सावधान -क्या है एचएफएमडी बीमारी, जिससे संक्रमित हो रहे हैं बच्चे, प्रदेश में बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के मामलों में वृद्धि

News Portals सबकी खबर (पोंटा साहिब) प्रदेश में बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है दिल्ली के अस्पतालों में बच्चों में हाथ,पैर और मुंह की बीमारी (HFMD)के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिसके बाद वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं| कई स्कूलों ने बच्चों के माता-पिता के लिए एडवाइजरी जारी की गई है| जिसमें कहा गया है कि यह एक सामान्य बीमारी है, लेकिन काफी संक्रामक वायरल बीमारी है जो आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करती है लेकिन, कभी-कभी बड़े बच्चे और वयस्क भी इससे पीड़ित हो सकते हैं किसी भी बच्चे के शरीर पर दाने की समस्या होने पर माता-पिता को डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए| अगर बच्चा इस बीमारी से संक्रमित हो गया है तो तुरंत इसका इलाज कराएं| एचएफएमडी बीमारी के मामले बीते दिनों पोंटा साहिब में भी सामने आए थे| इसमें देखा गया था की बच्चों को हल्का बुखार और शरीर पर दाने निकल रहे थे| डॉक्टर बताते हैं कि एचएफएमडी एक तरह का वायरल फीवर है जो ज्यादातर 10 साल से कम उम्र के बच्चों में फैलता है| इस वायरल संकमण की वजह से बच्चों के हाथ पैरों, बांह की कलाई और मुंह पर लाल फफोले निकल जाते हैं| कुछ बच्चों को तेज बुखार भी होता है| एक संक्रमित बच्चे से दूसरे में यह रोग संपर्क से फैलता है| ये काफी संक्रामक है|अभी तक इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है| हालांकि ये खतरनाक नहीं है|

डॉक्टरों के मुताबिक, जो बच्चे इस वायरस से संक्रमित होते हैं उनके शरीर में चकत्ते निकल जाते हैं, उनमें से कुछ को जोड़ों में दर्द, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, थकान उल्टी आना, डायरिया, खांसी, छींक आना, नाक बहना, तेज बुखार और शरीर में दर्द की भी शिकायत होती है| अगर कोई संक्रमित है तो उसको अन्य लोगों को संपर्क में नहीं आना चाहिए| बल्की आइसोलेशन में रहना जरूरी है| इस वायरल बीमारी को फैलने से रोकने के लिए संक्रमितो  के बर्तन, कपड़े रोजमर्रा में इस्तेमाल की जाने वाली अन्यवस्तुओं को साफ करना चाहिए| संक्रमित के संपर्क में किसी को नहीं आना चाहिए| क्योंकि ये बीमारी एक से दूसरे बच्चे या किसी अन्य व्यक्ति में भी फैल सकती है| माता-पिता बच्चों को तब तक स्कूल न भेजें जब तक कि चकत्ते पूरी तरह से ठीक न हो जाएं और बुखार कम से कम 24 घंटे तक कम न हो जाए|

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