गिरिपार क्षेत्र में मांघी का त्यौहार जोरों-शोरों से, 40 हजार बकरे त्योहार मैं काटे जाते हैं ।
News portals-सबकी खबर (शिलाई)
जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में पुरानी परंपराओं से चली आ रही मांघी का त्यौहार को लोग जोरों-शोरों से मनाते हैं । इस साल लोग त्योहार में बकरों की बोली फेसबुक पर भी मूल्य के साथ दिखाई जा रहे हैं । गिरीपार क्षेत्र के इस त्यौहार को बड़े उत्साह से मनाया जाता है । गिरीपार के शिल्ला गांव के नंबरदार जगत सिंह ने बताया की गिरिपार में यहां माघी त्योहार की तैयारियां बडे़ जोरों से चली हुई है। सिरमौर जनपद का गिरिपार क्षेत्र जो हाटी के नाम से जाना जाता है, कई मायनों में अन्य क्षेत्रों से भिन्न है। खासकर पुरानी परंपराओं व लोक संस्कृति को अपने आप में संजोए यह क्षेत्र आज के इस बदलते दौर में अपने आप में एक अनूठी मिसाल कायम किए हुए है।
भौगोलिक स्थिति व जलवायु भिन्न होने के कारण भी कई मेले व त्योहार इस क्षेत्र में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ बड़ी धूमधाम से मनाए जाते है, जिसमें विशेषकर बूढ़ी दीवाली व माघी त्योहार शामिल है। करीब 3 लाख की आबादी वाले गिरिपार क्षेत्र में माघी त्योहार के नजदीक आने पर लोग एक महीना पहले ही बकरों की खरीद-फरोख्त में जुट जाते है। माघी त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाने के लिए क्षेत्र के ग्रामीण बर्फ पड़ने से पहले अपने-अपने घरों में खाने का सामान एकत्रित कर लेते है। वैसे तो गांव में कई लोग एक वर्ष पहले से ही अपने घरों में बकरे पालना शुरू कर देते है।
गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय के लोग 40 हजार बकरे माघी त्योहार में काटे जाते है। बकरों की किमत 15 हजार से लेकर 30 हजार तक होती है, जिसकी कुल कीमत करोड़ों में पहुंच जाती है। 11 जनवरी के माघी त्योहार मनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां बडे़ जोरों से चली हुई है। माघी त्योहार की परंपरा कई सदियों से चली आ रही है। यह पुरानी परंपरा मैं लोग साल भर पहले से ही घर में बकरे पालना शुरू कर देते हैं।
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