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हजारों निवेशकों से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का घोटाला करने वाली कंपनी बाइक बोट के एक निदेशक/ फ्रेंचाइजी के हेड विजय पाल कसाना को आर्थिक अपराध शाखा और स्वाट टीम-2 ने गिरफ्तार किया है। इस कंपनी पर दादरी थाने में अब तक 33 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
दरअसल, बाइक बोट कंपनी ने हजारों लोगों को अधिक फायदे का लालच देकर करोड़ों रुपये का निवेश कराया। कुछ दिन तो सब कुछ ठीक था, लेकिन बाद में निवेशकों को रिटर्न मिलना बंद हो गया। निवेशकों ने दादरी कोतवाली में ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में आर्थिक अपराध शाखा और स्वाट टीम दो को जांच और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया था।
इस टीम ने गुरुवार को ग्रवित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कम्पनी (बाइक बोट कंपनी) के दादरी थाने में पंजीकृत मुकदमों के वांछित अभियुक्त डायरेक्टर/ फ्रेंचाइजी के हेड विजय पाल कसाना पुत्र भंवर सिंह निवासी मोहल्ला जाटान कस्बा थाना फलावदा जिला मेरठ को गिरफ्तार किया है। आरोपी फिलहाल अप्पू एन्कलेव पल्लवपुरम मेरठ में रह रहा था। उन्होंने बताया कि बाइक बोट कंपनी पर अब तक 33 मुकदमें दादरी थाने में दर्ज हैं। बीते वर्ष से ही चल रहे इस मामले में पुलिस ने यह पहली गिरफ्तारी की है। हालांकि बाइक बोट कंपनी के डायरेक्टर समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज है।
बाइक बोट कंपनी का डायरेक्टर बसपा नेता संजय भाटी है। उस पर धोखाधड़ी के आरोप में दादरी पुलिस ने निवेशकों की शिकायत पर केस दर्ज किया था। एक निवेशक सुनील कुमार मीणा ने आरोप लगाया कि कंपनी में 34 लाख रुपये निवेश किए थे और एक साल के अंदर 74 लाख रुपये वापस देने का वादा करते हुए एग्रीमेंट किया गया था। एग्रीमेंट में कंपनी के 5 अन्य अधिकारियों ने भी साइन किये थे, लेकिन उन्हें किस्त की रकम मिलनी बंद हो गई। पूछताछ करने पर कंपनी की ओर से सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा था। रकम डूबने की आशंका को लेकर निवेशक कंपनी के अंदर पहले से ही हंगामा कर चुके हैं।
पुलिस के मुताबिक जयपुर के जगतपुरा निवासी सुनील कुमार मीणा का आरोप है कि बाइक बोट कंपनी के मालिक व डायरेक्टर संजय भाटी ने जयपुर में किराये पर बाइक चलवाने के लिए 34 लाख रुपये निवेश कराए थे। उसने कहा था कि उन्हें 51 बाइक और ड्रावइर दिए जाएंगे। प्रत्येक बाइक की एवज 200 रुपये पार्किंग करने का खर्चा मिलेगा। एक साल के अंदर कुल 74 लाख रुपये की रकम देने का भरोसा दिया गया था। इसके बारे में जयपुर में तैनात कंपनी के एक प्रबंधक से जानकारी ली गई तो उन्होंने भी निवेश करने की सलाह दी थी। रुपये निवेश करने के बाद कंपनी ने दो माह तक समय से रिटर्न की किस्त दी। इसके बाद कंपनी ने रिटर्न की किस्त देना बंद कर दिया। आरोप है कि जब कंपनी में किस्त के बारे में पूछताछ की गई तो झूठे आश्वासन देकर शांत कर दिया गया। उन्होंने धोखाधड़ी का आरोप लगते हुए डारेक्टर संजय भाटी, राजेश भारद्वाज, सुनील कुमार प्रजापति दादरी, दीप्ति चहल, सचिन भाटी दादरी और करण पाल दादरी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एक अन्य निवेशक जितेंद्र शर्मा का कहना है कि बीते वर्ष सितंबर में एक लाख 84 हजार 300 रुपये लगाए थे। कंपनी ने जो किस्त निर्धारित की थी वह पिछले माह से मिलनी बंद हो गई है। उसके लिए कई बार आ गए हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। एक अन्य निवेशक गजेंद्र का कहना है कि 25 लाख रुपये लगा रखे हैं। किस्त नहीं मिल रही है। कार्यालय आने पर केवल शांति बनाए रखने को कहा जाता है। बाइक बोट कंपनी बसपा नेता संजय भाटी की है, जिसे लोकसभा चुनाव के कुछ पहले बीएसपी ने लोकसभा का प्रभारी बनाया था। उसे गौतमबुद्ध नगर लोकसभा से बसपा ने टिकट भी दिया था। लेकिन, बाइक बोट घोटाले के उजागर होने के बाद पार्टी ने उसे प्रभारी के पद से मुक्त कर टिकट भी काट दिया था।
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