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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के परिवार सहित प्रदेश के हर जिले में भी रविवार को अपने घरों पर कोरोना महामारी से बचाव के लिए विशेष पूजा-अर्चना कर दिन व्यतीत किया। वेदानुसार लोगों ने कांसे की थाली और अष्टधातु से निर्मित पूजा घंटियों को बजाकर वातावरण में मौजूद सभी प्रकार के विषाणुओं को खत्म करने का प्रयास किया।
वेदानुसार यह धारणा है कि कांसे के पात्रों और पूजा में प्रयोग होने वाली घंटियों से निकलने वाली ध्वनि से आसपास के वातावरण में विचरण करने वाले सभी प्रकार के विषाणुओं का अंत हो जाता है। ग्रामीण इलाकों में लोग प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर पूरा दिन घरों में दुबके रहे। कई लोगों ने अपने कुल देवताओं का स्मरण कर कोरोना वायरस से बचाव की प्रार्थना की।वही जिले के उपरी पहाड़ी भाग गिरिपार में भी लोगों की देवी देवताओं पर अटूट आस्था है। अभी भी लोग कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का इलाज देवताओं के दर पर ढूंढते हैं। शिल्ला के नम्बरदार जगत सिंह , पंडित नरेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश में इस प्रकार की बीमारियों से यहां के जनमानस को हमेशा देवी-देवताओं ने बचाया है, जिसका इतिहास गवाह हैं। कहा कि शास्त्रों में अष्टधातु और कांस्य पात्रों की ध्वनि से आसपास के सभी विषाणु खत्म हो जाते हैं।
बाजारों में रहा सन्नाटा
रविवार सुबह से ही मैदानी भाग सहित एनएच मार्ग नाहन -पांवटा , पांवटा -शिलाई तक के आदि बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। सड़कों पर इक्का दुक्का आपातकालीन वाहन ही चले। ग्रामीण क्षेत्रों में शादी और अन्य धार्मिक आयोजनों पर भी इस वायरस का असर देखने को मिल रहा है। गांवों में लोग ऐसी सभी गतिविधियों से दूर ही रह रहे हैं।
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