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November 24, 2024

अमरीका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता का दावा,गंजे लोगों को हो सकता है कोरोना से अधिक खतरा

News portals-सबकी खबर (नई दिल्ली)

कई दिनों से अगर आप महसूस कर रहे हैं कि आपके सिर से अलग-अलग हिस्सों के बाल गायब हो चुके हैं, तो समझ जाएं कि गंजापन शुरू हो चुका है। गंजापन महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में पाया जाता है। गंजेपन को मेडिकल की भाषा में एलोपेसिया भी कहते हैं। वैसे तो यह एक कॉमन प्रॉब्लम है, मगर एक नए शोध के बारे में पढ़कर आप समझ जाएंगे कि ये कॉमन प्रॉब्लम बिलकुल भी नहीं है। ये आपके लिए सबसे खतरनाक हो सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि गंजे लोगों को कोरोना वायरस से खतरा अधिक हो सकता है और उनकी मौत की आशंका भी अधिक हो सकती है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि बाल झड़ने के पीछे एंड्रोजन हार्मोन जिम्मेदार होते हैं। कोरोना वायरस के कई सबसे खराब मामलों में इस हार्मोन का संबंध पाया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और रिसर्च के प्रमुख लेखक कार्लोस वैम्बियर ने ब्रिटिश टेलिग्राफ से कहा कि हम वास्तव में ऐसा समझते हैं कि गंजापन कोरोना के गंभीर खतरे का संकेत दे सकता है। इससे पहले कई आंकड़ों से ये पता चला था कि कोरोना से बीमार होने वाले पुरुषों की मौत की आशंका, महिलाओं के मुकाबले अधिक होती है। प्रोफेसर वैम्बियर ने कहा कि हमें लगता है कि एंड्रोजन शरीर में वायरस की एंट्री के लिए गेटवे का काम करता है। उन्होंने स्पेन में इसको लेकर दो स्टडी की। दोनों में ये सामने आया कि हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले कोरोना पीडि़तों में गंजे लोगों का अनुपात अधिक है। मैड्रिड के तीन अस्पतालों में भर्ती 122 मरीजों पर की गई स्टडी में देखा गया कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए 79 फीसदी मरीज गंजे हैं। इस स्टडी को अमरीकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया गया है। स्पेन में ही की गई एक अन्य स्टडी में देखा गया कि कोरोना के 41 मरीजों में 71 फीसदी ऐसे थे जो गंजे थे। इस स्टडी से साफ है कि गंजे लोगों को कोरोना वायरस की बीमारी से बचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत है।

रिकवर होने में लगता है समय

शोधकर्ताओं का कहना है कि मेल सेक्स हार्मोन एंड्रोजन गंजेपन और कोरोना वायरस की संक्रमण करने की क्षमता को बढ़ा सकता है। इसका मतलब है कि यह हार्मोन दवा के असर को दबाता है या कम करता है। इसलिए कोरोना के मरीजों की ठीक होने की दर धीमी हो जाती है। उन्हें रिकवर होने में समय लगता है।

अधिक रिसर्च करने की जरूरत

शोधकर्ता कार्लोस का कहना है कि एंड्रोजन हार्मोन कोरोना के कोशिका को संक्रमित करने का एक गेटवे हो सकता है। अन्य शोधकर्ताओं का कहना है कि इस पर और अधिक रिसर्च करने की जरूरत है, ताकि नई जानकारियां सामने आ सकें।

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