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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश में चौथे लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए कई बड़े फैसले लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 17 मई के बाद प्रदेश के भीतर कुछ शर्तों पर बसें चलाने पर भी फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा आवाजाही को सरकारी नियमों के तहत और ज्यादा ढील दिए जाने पर विचार हो सकता है। सचिवालय में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए सीएम ने कहा कि 17 मई के बाद कामकाज की बड़े स्तर पर छूट दिए जाने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपट रही है। सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए त्रि-स्तरीय रणनीति अपनाई है। राज्य सरकार ने कोविड-19 से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए तीन प्रकार के संस्थान स्थापित किए गए हैं। कोविड-19 लक्षण प्रकट न होने वाले लोगों के लिए राज्य में अब तक 1300 बिस्तर की क्षमता वाले 24 कोविड केयर सेंटर, मॉडरेट लक्षण वाले लेगों के लिए 500 बिस्तर की क्षमता वाले 11 समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अतिरिक्त गंभीर लक्षण वाले लोगों को 700 बिस्तरों की क्षमता वाले प्रदेश के चार कोविड अस्पतालों में रखा जाएगा। प्रदेश में 115 वेंटिलेटर, 25,000 पीपीई किट्स और 20,000 एन-95 मास्क उपलब्ध हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से आपातकालीन स्थिति के लिए प्रदेश को 60 अन्य वेंटिलेटर्ज उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 के उपचार में निःसंदेह ही अपनी बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिसके कारण 65 मामलों में से अब तक 38 लोगों का उपचार कर दिया गया है। डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को कोरोना से निपटने के लिए उचित प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। राज्य में कोविड-19 से निपटना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है, परंतु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विपक्षी नेता इस महामारी को अनावश्यक राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को कांग्रेस शासित पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों की स्थिति को देखना चाहिए, क्योंकि हिमाचल प्रदेश की स्थिति इन राज्यों के मुकाबले बेहतर है।
स्वारघाट के युवक की मौत की होगी जांच
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वारघाट के एक युवक की मौत के मामले में एडीएम बिलासपुर द्वारा मजिस्ट्रियल जांच करवाने का फैसला लिया है, जिसे उपचार के लिए शिमला रैफर किया गया था। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बाहर से आने वालों के प्रति पूरी सतर्कता
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग एक लाख लोग पहले ही देश के विभिन्न हिस्सों से राज्य में पहुंच चुके हैं और आने वाले कुछ दिनों में हजारों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार अतिरिक्त सावधानी बरत रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन सभी लोगों की पूरी तरह से चिकित्सकीय जांच की जा सके और रेड जोन से आने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटीन में रखा जाएगा।
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