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शरली, जामना तथा कांडों च्यौग तीन गांव में दुधारू पशुओं में बांझपन की समस्या के उपचार के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पशु चिकित्सा कैंप लगाए गए। जिसमें वैटनरी कालेज पालमपुर से आए डॉ. मधुमीत सिंह, डॉ. प्रवेश तथा पशुपालन विभाग की ओर से डॉ अमित महाजन ने तीनो जगह 62 पशुओं का मौके पर ही इलाज किया गया। दुधारू पशुओं में बांझपन की समस्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है जिसके लिए पशुपालन विभाग और पशुपालकों को अधिक ध्यान देने की जरूरत है। डॉ मधुमीत सिंह का कहना है कि दुधारू पशुओं के लिए यदि संतुलित खुराक नहीं दी जाएगी तो पशु की बच्चेदानी कमजोर हो जाती है। या उसमें संक्रमण होने के कारण वह टीका लगाने पर भी कभी गाभिन नहीं हो पाती पशुपालकों को अधिक नुकसान झेलना पड़ता है।
* क्षेत्र के दुधारू पशुओं में बांझपन की समस्या: कुन्दन सिंह शास्त्री*
अध्यक्ष हाटी किसान संघ शिलाई क्षेत्र अध्यक्ष
कुन्दन सिंह शास्त्री का मानना है, कि गिरिपार क्षेत्र में पशु-चिकित्सकों की भी बहुत कमी होने के कारण गंभीर बीमारी में पशुओं को समय पर सही इलाज नहीं मिलने के कारण भी ये बांझपन की समस्या अधिक बढ़ रही है, इसका उदाहरण है। कि पूरे शिलाई क्षेत्र में एक मात्र सतौन में ही पशु चिकित्सक है। यहां के जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि सभी पशु चिकित्सालयों में एक पशु चिकित्सा विशेषज्ञ और डिस्पेंसरियों में फार्मासिस्टों की नियुक्ति हो। यहां ध्यान देने की जरूरत है, कि गिरिपार क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन की बहुत बड़ी सम्भावना है जो किसानों की आमदनी का एक महत्वपूर्ण साधन बन सकता है।
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