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बीते दिनों प्रदेश के कृषि मंत्री मारकंडा को काजा के प्रवेश द्वार पर रोककर वापस भेजने के मामले में पुलिस ने करीब आधा दर्जन लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इनमें कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल बताए जा रहे हैं। हालंकि पुलिस अभी और लोगों की पहचान कर रही है। हाल ही में स्पीति के काजा में सैकड़ों महिलाओं ने क्वारंटीन के नाम पर कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा और उनके स्टाफ की घेराबंदी कर उन्हें काजा में प्रवेश नहीं करने दिया था।
उस दौरान कुछ लोगों ने सियासी नारेबाजी भी की थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। वीडियो के आधार पर पुलिस अभी और लोगों की पहचान में जुटी है। एसपी लाहौल-स्पीति राजेश धर्माणी ने बताया कि घटना में संलिप्त करीब आधा दर्जन लोगों के खिलाफ रास्ता रोकने और सरकारी अधिसूचना के उल्लंघन पर धारा 143 और 341 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच में सामने आया है कि विरोध प्रदर्शन में पुलिस के अलावा कई अन्य सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे।
इसकी पुलिस वीडियो के आधार पर जांच कर रही है। एसपी ने कहा कि स्पीति में लोगों ने जिस तरह मंत्री की घेराबंदी की है, वह सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन है। हिमाचल सरकार ने निर्देश जारी कर कहा है कि प्रदेश के कंटेनमेंट एरिया को छोड़ कर आवाजाही करने वालों को क्वारंटीन की जरूरत नहीं है। पुलिस कार्रवाई के बाद स्पीति में हड़कंप मच गया है।
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