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हिमाचल में सिंचाई योजना में 10 लाख का घोटाले का मामला सामने आया है 10 लाख रुपये से बनने वाली कूहल और सिंचाई टैंक के निर्माण में गोलमाल कर फर्जी बिलों की मदद से सरकारी पैसा हड़प लिया गया। शिकायत की जांच के बाद अब विजिलेंस ने कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आईजी विजिलेंस आसिफ जलाल ने एफआईआर दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार सिरमौर के नाहन स्थित मालो वाला गांव में साल 2016 में भू संरक्षण विभाग ने सिंचाई के पानी के ढांचे के लिए 10 लाख रुपये जारी किए थे। इस राशि से कूहल और सिंचाई टैंकों का निर्माण होना था।
काम पूरा करने की जिम्मेदारी कृषि विकास संघ को दी गई। संघ ने काम पूरा कर जारी बजट को खर्च कर दिया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने विजिलेंस में शिकायत की कि निर्माण कार्य में भारी अनियमितता और फर्जी बिलों को लगाकर पूरी राशि हड़प ली गई है। विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच शुरू की तो शिकायती पत्र में लगाए गए आरोप सही निकले। आरोप सही मिलने पर ब्यूरो ने सरकार की अनुमति लेकर मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है
मामले में कृषक विकास संघ के प्रधान के अलावा अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है।
वहीं, ऊना जिले के बेहड़ाला में विजिलेंस ने सिंचाई चैनलों के कार्यों में हुए घोटाले को लेकर पंचायत प्रधान सहित वाटर शेड कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। विजिलेंस ने वाटर शेड कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले की पुष्टि एएसपी सागर चंद्र ने की है। जानकारी के अनुसार विजिलेंस ने वर्ष 2011 -2013 में वाटर शेड कमेटी बहडाला द्वारा करवाए गए सिंचाई चैनलों के कार्य में हुए घोटाले में वाटर शेड कमेटी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत केस दर्ज किया है।
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