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किरतपुर-नेरचौक फोरलेन में केंद्र सरकार की अनुमति के बिना फोरलेन के रूट अलाइनमेंट में बदलाव और मुआवजा आवंटन में गड़बड़ी की जांच नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) दिल्ली का विजिलेंस विभाग करेगा। फोरलेन प्रभावित एवं विस्थापित समिति के महासचिव मदन लाल शर्मा ने इसकी शिकायत ढाई साल पहले राज्य विजिलेंस से की थी। इस मामले की जांच राज्य विजिलेंस ब्यूरो के पास ढाई साल पहले से थी| एनएचएआई दिल्ली के विजिलेंस विभाग के हाथ में केस सौंपने की पुष्टि बिलासपुर विजिलेंस के एएसपी योगेश रोल्टा ने की है। करीब 1000 पन्नों की इस फाइल में फोरलेन में हुए तथाकथित भ्रष्टाचार और अप्रूव्ड रोड अलाइनमेंट में हुए बदलाव का पूरा रिकॉर्ड है।जिसे राज्य विजिलेंस ने ढाई साल की जांच के दौरान इकट्ठा किया था। एस मामले में समिति ने कहा था कि न केवल रूट अलाइनमेंट में बदलाव हुआ है, बल्कि मुआवजा आवंटन, पेड़ों के कटान में भी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। शिकायत के बाद से राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी विभाग इस मामले की जांच कर रहा था, लेकिन अब एकाएक राज्य विजिलेंस से फाइल दिल्ली एनएचएआई की विजिलेंस ने ले ली है। हालांकि केस अपने अधीन लेने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।वहीं, समिति ने विरोध जताया है कि एनएचएआई विजिलेंस के पास फाइल जाने से भ्रष्टाचार के जिम्मेदार अधिकारियों को संरक्षण देने का काम होगा। मदन लाल शर्मा ने कहा कि जब राज्य सरकार जांच कर रही थी तो केंद्रीय विजिलेंस को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था। एनएचएआई की विजिलेंस अपने लोगों को संरक्षण देने के लिए इस जांच को प्रभावित करेगी। इसकी जांच स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई को दी जानी चाहिए।
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