News portals-सबकी खबर(पांवटा साहिब)
अमर शहीद कुलविंदर सिंह के पैतृक गांव डोईयांवाला स्थित शहीदी स्थल पर प्रातः 9 बजे भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र व परिवार तथा गांव के सदस्यों ने कोरोना महामारी के संकट की इस विकट घड़ी में भी प्रशासन से अनुमति लेकर, सरकार व प्रशासन द्वारा जारी कोरोना गाईडलाइन का पालन करते हुए अमर शहीद कुलविंदर सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सभी लोग मास्क पहने थे तथा उपस्थित सभी लोगों ने व्यक्तिगत दूरी का ख्याल रखा।
आओ झुक कर सलाम करें उनको, जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है।
खुशनसीब होता है वो खून, जो देश के काम आता है।
उपरोक्त शब्दों के साथ संगठन के सचिव नरेंद्र सिंह ठुंडू ने शहीद कुलविंदर सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। शहीद सिपाही कुलविंदर सिंह 18वीं गढ़वाल राइफल मे तैनात थे। ऑपरेशन कारगिल विजय दिवस के अंतर्गत जम्मू कश्मीर के कारगिल मैं तैनात थे। 14 जून 1999 को सिपाही कुलविंदर सिंह पाकिस्तानी घुसपैठियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। वर्तमान में शहीद कुलविंदर सिंह के परिवार में उनके माता-पिता शकुंतला देवी व ज्ञानचंद, धर्मपत्नी , मेलो देवी व पुत्र अंकित सिंह हैं। परिवार, गांव व क्षेत्र के सभी लोगों को सिपाही कुलविंदर सिंह के बलिदान पर गर्व है। ऑपरेशन कारगिल विजय मैं भारत माता की सीमाओं की रक्षा के लिए दिए गए उनके सर्वोच्च बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा।
इस मौके पर माता-पिता शकुंतला देवी व ज्ञानचंद, धर्मपत्नी ,मेलो देवी व पुत्र अंकित सिंह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उसके उपरांत राष्ट्रीयगान तदोपरांत उपस्थित सभी लोगों ने शहीद कुलविंदर सिंह के स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने भारत माता की जय व शहीद कुलविंदर सिंह अमर रहे के नारे लगाए और भूतपूर्व सैनिक सगंठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र के अध्यक्ष विरेन्द्र चौहान ने उपस्थित सभी नौजवानों से राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर काम करने की अपील की तथा देश के लिए हमेशा मर मिटने के लिए तैयार रहने की बात की। साथ ही शहीद परिवार के सदस्यों को शॉल भेंट कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
इस मौके पर शहीद कुलविंदर सिंह के माता-पिता शकुंतला देवी व ज्ञानचंद, धर्मपत्नी मेलो देवी व पुत्र अंकित सिंह, परिवार के सदस्य तथा भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र से वीरेंद्र सिंह चौहान (अध्यक्ष), दर्शन सिंह (उपाध्यक्ष) नरेंद्र सिंह ठुंडू (सचिव), तरुण गुरुंग (कोषाध्यक्ष), तिलक राज (कोषाध्यक्ष), स्वर्ण जीत सिंह (मीडिया प्रभारी), रामभज धिमान, नरेश कुमार, अंकुश कुमार, जय सिंह, ज्ञान चंद, महेंद्र सिंह तथा अन्य गणमान्य सदस्य मौजूद रहे।
‘शहीदों की चिताऔं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा,
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