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प्रदेश में अब नेशनल हाई-वे हरे-भरे पेड़ों के बीच से गुजरते नजर आएंगे। हाई-वे के दोनों तरफ हरियाली होगी और इनके निर्माण में कार्बन तत्वों का कम से कम इस्तेमाल होगा। नेशनल हाईवे खास तकनीक से तैयार होंगे। इनके बनने के बाद देखभाल भी एनएचएआई और केंद्र सरकार उसी अंदाज में करेगी। केंद्र की ओर से ग्रीन नेशनल हाईवे को लेकर अधिसूचना जारी हो गई है और इसके लिए बजट का प्रावधान भी कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने चार राज्यों में ग्रीन नेशनल हाईवे के निर्माण को मंजूरी दी है।
इन राज्यों में 7662.47 करोड़ रुपए की लागत से इन सभी हाईवे का निर्माण होगा।चयनित राज्यों में हिमाचल भी शामिल है और हिमाचल के हिस्से दो ग्रीन नेशनल हाईवे आए हैं। यह दोनों हाईवे हमीरपुर और सिरमौर जिला में बनाए जाएंगे। देश भर में ग्रीन हाईवे की कुल लंबाई 781 किलोमीटर होगी। इनमें से 288 किलोमीटर हिस्से में निर्माण भी शुरू हो चुका है। हिमाचल के साथ ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश और आंध्रप्रदेश को इसमें शामिल किया गया है। ग्रीन नेशनल हाईवे का निर्माण विश्व बैंक से फंडिंग के आधार पर होगा।
ग्रीन नेशनल हाईवे प्रकृति के बेहद करीब होंगे। यहां प्रदूषण कम से कम हो, इसका खास ध्यान रखा जाएगा।पांवटा साहिब में शुरू हो गया निर्माण कार्य सिरमौर जिला में पांवटा से धौलाकुआं तक पहला ग्रीन नेशनल हाईवे तैयार हो रहा है। इसका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जबकि दूसरा ग्रीन नेशनल हाईवे हमीरपुर और मंडी के बीच तैयार होगा। इसका निर्माण फिलहाल शुरू नहीं हुआ है। ग्रीन हाईवे के निर्माण के बाद हिमाचल को सीधी और प्रकृति के बेहद करीब से गुजरती सड़क मिलेगी।
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