News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
केंद्र सरकार ने देश के गन्ना उत्पादकों को गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) मूल्य 275 से बढ़ाकर 285 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इस फैसले से देश के करोड़ों गन्ना उत्पादकों को लाभ मिल सकेगा। पांवटा वैली के अग्रणी गन्ना उत्पादकों से केंद्र के इस फैसले पर विचार जानने का प्रयास किया। कुछ किसान बढ़ोतरी को नाकाफी तो कुछ ने राहत प्रदान करने वाली बताया है। अक्तूबर से किसानों को केंद्र के फैसले का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
हिमाचल किसान सभा जिला सचिव गुरविंद्र सिंह का कहना है की केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन यह बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरा कहावत की तरह ही नाकाफी है। किसान संघ कई वर्षों से एफआरपी कम से कम 325 रुपये करने की मांग उठाता रहा है। इसलिए केवल 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी करना बहुत कम है।
हिमाचल किसान सभा के पांवटा इकाई अध्यक्ष ओम प्रकाश चौधरी का कहना है कि इससे देश व हिमाचल के किसानों को लाभ होगा लेकिन केंद्र सरकार को इससे ज्यादा बढ़ोतरी करनी चाहिए थी जिससे गन्ने की खेती से विमुख होते किसान फिर से गन्ना उत्पादन की तरफ ध्यान केंद्रित करते। किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाने के कारण, देश के कुछ राज्यों में गन्ने का उत्पादन काफी कम हो रहा है।
भूंगरनी के जेलदार और गन्ना उत्पादक किसान भूपेंद्र सिंह का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक में लिया गया फैसला सराहनीय है। आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में किसानों के हित को देेखते हुए फैसला लिया गया है।
सूरजपुर निवासी प्रगतिशील किसान हरभजन सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार का फैसला सराहनीय है। इससे हजारों किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सकेगी। उम्मीद करते हैं कि बढ़ती महंगाई और गन्ना उत्पादकों के कठिन परिश्रम देखते हुए एफआरपी में निकट वर्षों में और बेहतर ढंग से बढ़ोतरी करेगी।
ग्राम पंचायत पातलियों के जीरकपुर निवासी गन्ना उत्पादक युवा किसान बलविंदर सिंह का कहना है कि निर्धारित नया मूल्य इसी वर्ष अक्तूूबर से शुरू होने वाले नए मार्केटिंग सत्र के लिए निर्धारित किया गया है। वर्ष 2020-21 विपणन वर्ष के लिए एफआरपी दाम 10 रुपये प्रति क्विंटल काफी कम है।
खोड़ोंवाला निवासी गन्ना उत्पादक दलीप सिंह का कहना है कि खाद्य मंत्रालय द्वारा विपणन सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी 275 रुपये से बढ़ाकर 285 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। मंत्रिमंडल समिति का यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के मुताबिक होता है। केंद्र सरकार के इस फैसले का हिमाचल के गन्ना उत्पादक हजारों किसानों को भी लाभ मिलेगा।
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