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राज्य सरकार द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि इनका विकास भी अन्य क्षेत्रों की तरह सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को जनजातीय सलाहकार परिषद की 47वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यहां चल रहे कार्यों का फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के संपूर्ण विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के बजट का नौ प्रतिशत जनजातीय उपयोजना के लिए निर्धारित किया गया है। वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान उपयोजना के तहत 904 करोड़ रुपए तथा 831 करोड़ रुपए गैरयोजना के तहत आबंटित किए गए हैं। जनजातीय क्षेत्रों में 144.17 करोड़ रुपए भवनों, 99.42 करोड़ स्वास्थ्य क्षेत्र और 59.54 करोड़ सिंचाई व पेयजल आपूर्ति योजनाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं।
जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की सुविधा के लिए हेलिकाप्टर की नियमित उड़ानें भी सुनिश्चित की जा रही हैं। पिछले वर्ष हेलिकॉप्टर की 71 उड़ानें सुनिश्चित की गईं, जिससे 2303 लोग लाभान्वित हुए। वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने इसके लिए चार करोड़ रुपए प्रदान किए हैं। कृषि एवं जनजातीय विकास मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि जनता पार्टी सरकार द्वारा वर्ष 1977 में परिषद का गठन किया गया और 1978 में परिषद की पहली बैठक आयोजित की गई। सांसद राम स्वरूप शर्मा ने राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने पर बल दिया। भरमौर के विधायक जिया लाल कपूर ने क्षेत्र के विभिन्न संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने की आवश्यकता पर बल दिया।
एकलव्य स्कूल को 56 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा एकलव्य स्कूलों के भवनों के निर्माण के लिए 56 करोड़ रुपए प्रदान किए जाएंगे, जिसमें से अभी तक 33.66 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुके हैं। सीएम ने कहा कि नोतोड़ और एफआरए के मामले निपटाने को कदम उठाए जाएंगे।
नौतोड़ मामले निपटाए जाएं
बैठक में जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों ने भी अपने सुझाव दिए। परिषद के लगभग सभी सदस्यों ने जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ मामले के शीघ्र निवारण और जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर सड़क सुविधा सुनिश्चित करने की आश्यकता पर बल दिया।
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