News portals-सबकी खबर (शिमला) मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को रामपुर विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में बारिश से हुए भारी नुकसान का निरीक्षण किया। स्थानीय लोगों ने उन्हें आपदा से अवरुद्ध हुई सड़कों, बाधित पेयजलापूर्ति, मकानों को पहुंचे नुकसान के बारे में अवगत कराया। ग्राम पंचायत ननखड़ी में महिलाओं की सड़क मार्ग बहाल करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उनका दुःख-दर्द समझते हैं, अवरुद्ध पड़े रास्तों को खोलने के लिए पंचायतों को भी आवश्यक धनराशि जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बागवानों का सेब मंडियों तक पहुंचाना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को थाना ननखड़ी, बड़ोग और कुंगन बाल्टी पंचायतों में बारिश से क्षतिग्रस्त 50 से अधिक मकानों के लिए प्रभावित परिवारों को 1-1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तुरंत जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने बड़ोग पंचायत के पूनन गांव और बगलती पंचायत के जवाल्डा गांव में बारिश, भूस्खलन से पूरी तरह व आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए भी प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये तुरंत देने को कहा। खोलीघाट में भी उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जल्द ही एक बार फिर क्षेत्र के दौरे पर आएंगे और उनके निर्देशों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा करेंगे। उन्होंने सेब क्षेत्र में पंचायतों से सड़क बहाली का काम तेज करवाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग को पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाने के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने ठियोग विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित जरोल, खनेटी और कोटगढ़ क्षेत्रों का दौरा कर भी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने ग्राम पंचायत जरोल के 8 सम्पर्क मार्गों की मरम्मत के लिए 5 लाख रूपये की धनराशि प्रदान करने की घोषणा की। आपदा प्रभावित लोगों ने अपनी व्यथा सुनाने के साथ ही राहत नियमावली में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का धन्यवाद किया। लोगों ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावित लोगों के लिए फौरी राहत राशि को दस से बीस गुणा बढ़ाकर देने का निर्णय सराहनीय है।
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक नंद लाल व कुलदीप सिंह राठौर, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह श्याम, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, पूर्व विधायक राकेश सिंघा, उपायुक्त आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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