News portals-सबकी खबर(संगड़ाह)
जिला सिरमौर के उपमण्डल संगड़ाह के किसानों को गेहूं के बीज के साथ फलों एवं सब्जी के लिए इस्तेमाल होने वाले मल्टी माइक्रोन्यूट्रिएंट अथवा उर्वरक दिए जाने पर क्षेत्र के किसानों ने आपत्ती जताई। उक्त क्षेत्र के स्थानीय किसान राजेंद्र सिंह, देवेंद्र शर्मा, दिनेश तथा रामलाल आदि किसानों ने यहां जारी बयान में कहा कि, उन्हें कृषि विभाग कार्यालय संगड़ाह से गैंहू के 40 किलो के बैग के साथ जबरन एक मल्टी माइक्रोन्यूट्रिएंट नामक उर्वरक का डिब्बा दिया गया। हर बैग के साथ एक किलो रासायनिक खाद्य की शर्त रखी गई तथा इसकी कीमत 60 रुपए वसूल की जा रही है।
इस बारे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर शिकायत कर चुके राजेंद्र सिंह ने बताया की, उन्होंने कृषि विभाग के संबंधित एडीओ तथा एसएमएस से जबरन खाद न दिए जाने का आग्रह किया, मगर वह नहीं माने। उन्होंने विभाग के उच्च अधिकारियों अथवा सरकार से अपील की कि, निजी कंपनियों के उर्वरक बेचने के लिए जबरन किसानों पर इस तरह का बोझ न डाला जाए।
किसानों के अनुसार सरकार एक तरफ जहां प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कह रही है, वहीं दूसरी तरफ किसानों को बीज के साथ जबरन रासायनिक खाद खरीदने के लिए किसानों को मजबूर किया जा रहा हैं और वह भी फलों वाली। किसानों के अनुसार विभाग के पास फ्रूट एंड वेजिटेबल की उक्त महंगी खाद नही बिक रही है, जिसके चलते इसे जबरन थोपा जा रहा है।
उधर, कृषि विषयवाद विशेषज्ञ संगड़ाह अनूप कटना ने बताया कि, दरअसल किसानों को दिए जा रहे मल्टी माइक्रोन्यूट्रींस से फल, सब्जी व अन्य फसलों का उत्पादन सामान्य से कहीं अधिक बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि, उक्त रासायनिक प्रोडक्ट अथवा उर्वरक के फायदों की जानकारी किसानों को तभी मिलेगी, जब वह है इसका इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि, गैंहू के बीज की तरह ही माइक्रोन्यूट्रींस भी लगभग आधी कीमत पर दिया जा रहा है तथा फलों एवं सब्जियों के साथ-साथ इसका इस्तेमाल गेहूं के लिए भी किया जा सकता है।
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