संगड़ाह की बेड़ा जाति को 7 साल से नहीं मिल रहे हैं अनुसूचित जाति सर्टिफिकेट
News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले दर्जन भर गांव में सदियों से रह रही बेड़ा जाति के लोगों को पिछले 7 साल से अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं हो रहे हैं। उक्त जाति से संबंध रखने वाले नरेश कुमार द्वारा इस बारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखित शिकायत भेजी गई। पंजीकृत डाक से पीएम को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि, विभिन्न समारोह में बाजा बजाने का काम करने वाली उनकी जाति को सात वर्ष पूर्व तक अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र मिलते थे, मगर उसके बाद यह बनना बंद हो गए। उक्त मामले में इससे पूर्व बेड़ा समुदाय के लोग 25, अक्तुबर, 2019 को भी प्रधानमंत्री को पत्र भेज चुके हैं, मगर शिकायतकर्ता नरेश कुमार के अनुसार संबंधित राजस्व अधिकारियों द्वारा पीएम के निर्देशों के बावजूद संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गई।
उक्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पीएमओ के सेक्शन अधिकारी द्वारा इस बारे पत्र संख्या पीएमओपीजी डी/2019/0375031 के तहत हिमाचल के चीफ सेक्रेटरी को कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। इससे पूर्व 2 दिसंबर 2018 को उपमंडल संगड़ाह के गांव अंधेरी में आयोजित जनमंच में उक्त मामला उठा चुके नरेश कुमार द्वारा 28 सितंबर 2014 तथा 22 सितंबर 2016 को इस बारे में मुख्यमंत्री को लिखा जा चुका है। शिकायत की प्रति जारी करते हुए उन्होंने कहा कि, संबंधित अधिकारियों की लापरवाही से बेड़ा जाति का नाम अनुसूचित जाति की सूची से हटा है। बेड़ा समुदाय की तरह ही क्षेत्र की भरड़ा जाती को भी अनुसूचित जाति के प्रमाणपत्र जारी नहीं हो रहे हैं।
उपमंडल संगड़ाह के राजस्व अधिकारियों के अनुसार दरअसल बेड़ा जाति का नाम कुछ वर्ष पहले से प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति की सूची से हट चुका है। राज्य सरकार अथवा अनुसूचित जाति आयोग द्वारा दोबारा बेड़ा जाति को संबंधित लिस्ट में शामिल किए जाने की सूरत में उन्हें अजा प्रमाणपत्र पत्र जारी किए जा सकते हैं।
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