News portals-सबकी खबर( शिमला) – हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले अब छोटे बच्चों के दिमाग पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। हैरत इस बात की है कि राज्य में एक साल से 15 साल तक के बच्चे कोरोना की इस अपडेट की वजह से मानसिक तनाव में जा रहे हैं। वहीं चिढ़चिढ़ेपन की भी शिकायतें आ रही हैं। आईजीएमसी अस्पताल के मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों का कहना है कि टेलिमेडिसन के माध्यम से ये शिकायतें अभिभावकों की ओर से आ रही हैं। यही वजह है कि अब स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया है।
वहीं, यह साफ कहा है कि अब एक साल से 15 साल तक के छोटे बच्चों को कोरोना की खबरों व अपडेट से दूर रखें, वहीं घर पर भी इस तरह की ज्यादा बात न करें। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अगर छोटे बच्चों के दिमाग में इस खबर से फैल रही नकारात्मक सोच को बदला नहीं गया, तो आने वाले समय में छोटे बच्चे स्ट्रेस में चले जाएंगे। इससे उन्हें डिप्रेशन हो जाएगा, किसी से ज्यादा बात नहीं करेंगे, वहीं अकेले रहना पसंद करेंगे या फिर उनके दिमाग में इस तरह का बुरा प्रभाव पड़ेगा कि वह बाहर जाने से भी डरेंगे। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक जिन अस्पतालों में ऑनलाइन ओपीडी शुरू की गई है, वहां पर 78 प्रतिशत ऐसे अभिभावक कॉल कर रहे हैं,
जिनके मासूम इस बीमारी से जूझ रहे है। कई ऐसी भी शिकायतें आ रही हैं, जिसमें छोटे बच्चे घर के दूसरे सदस्यों से बात तक नहीं कर रहे हैं। डिप्रेशन में जाने की वजह से वह सिर्फ अपने आप में ही पूरा दिन व्यस्त रहते हैं। पूरा दिन मोबाइल का इस्तेमाल ऑनलाइन स्टडी और इसी में पूरा दिन काट रहे है। अभिभावकों ने यह भी शिकायतें की हैं कि ऑनलाइन स्टडी से उनकी आंखों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। फिलहाल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर यह कहा है कि छोटे बच्चों का लॉकडाउन के बीच मानसिक संतुलन न बिगड़े, इसको लेकर उनके सामने सकारात्मक चीजें ही दिखाएं। वहीं माहौल को खुशनुमा बनाएं, कोरोना को लेकर ज्यादा चर्चा छोटे बच्चों के बीच में न करें।
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