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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने शिरोमणि पंथ रतन बाबा इकबाल सिंह के निधन पर उनके परिवारजनों एवं उनकी संस्थान के पदाधिकारियों से बडू साहिब में जाकर सांत्वना व्यक्त की।
बाबा इकबाल सिंह ने 29 जनवरी को दोपहर सवा दो बजे अपनी कर्मभूमि बडू साहिब में अंतिम सांस ली। कश्यप ने कहा की पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा के चार दिन बाद शिरोमणि पंथ रतन बाबा इकबाल सिंह किंगरा का निधन हो गया।
कश्यप ने कहा की 96 वर्षीय बाबा इकबाल सिंह ने एक संत का जीवन जीया। उन्होंने विवाह नहीं किया और सिख पंथ की सेवा के लिए कार्य करते रहे। हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के निदेशक पद से सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने वर्ष 1982 में कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब की स्थापना की।
उन्होंने वर्ष 1986 में एक कमरे में मात्र पांच विद्यार्थियों को लेकर अकाल अकादमी प्रारंभ की। आज ट्रस्ट की देशभर में 129 अकाल अकादमियां व दो विश्वविद्यालय हैं, जिनमें करीब 70 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उनका जन्म 1 मई 1926 को पिता सनवाल सिंह व माता गुलाब कौर के घर गुरदासपुर पंजाब में हुआ था। उन्होंने कृषि विज्ञान में स्नातक और कृषि विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। निदेशक पद से सेवानिवृत्त के बाद बडू साहिब में स्थायी निवास किया। उन्होंने 2008 में बडू साहिब में इटरनल विश्वविद्यालय और 2015 में पंजाब के दमदमा साहिब में अकाल विश्वविद्यालय की स्थापना की।
उन्होंने कहा की पद्मश्री बाबा इकबाल सिंह का सिरमौर एवं हिमाचल में बड़ा योगदान रहा है उनकी स्थापित संस्था से कई नर्से सेना में अपनी बहुमूल्य सेवाए दे रही है। उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।बाबा इकबाल सिंह को डॉ. एस राधाकृष्णन मेमोरियल नेशनल अवार्ड 2006, न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली 2014 सिख लाइफटाइम अचीवमेंट्स अवार्ड, यूके 2016, लिविंग लीजेंड लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2018, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से एक अंतरराष्ट्रीय पंजाबी के तौर पर विशेष पुरस्कार, तख्त हरमंदिर पटना साहिब द्वारा शिरोमणि पंथ रतन का विशेष पुरस्कार से सिख समुदाय का अनमोल रत्न भी सम्मानित किया गया था।
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