News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब ) हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में हिमकेयर कार्ड को बंद करने के निर्णय पर गहरी निराशा जताई है। उन्होंने इस निर्णय से प्रदेश की गरीब जनता को भारी नुक्सान होगा | रमेश तोमर ने कहा कांग्रेस की सरकार हिमाचल के लोगों के हितों से खिलवाड़ कर रही है कांग्रेस की सरकार सबसे भ्रष्ट और कामचोर सरकार है। 19 महीने की इस सरकार की अपनी तो कोई उपलब्धि नहीं है भाजपा के अच्छे कामों पर तालाबंदी कर कांग्रेस जनता के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है।”
उन्होंने बताया कि 2019 में भाजपा ने अपने कार्यकाल में आयुष्मान भारत योजना से छूट गए लोगों को कैशलेस इलाज देने के लिए हिमकेयर योजना शुरू की थी, जिससे प्रदेश के लाखों लोगों को लाभ मिल रहा था। सरकारी अस्पतालों में अच्छा इलाज न मिल सकने की स्थिति में प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा जनता के लिए वरदान बनी थी। मगर अब कांग्रेस सरकार ने इस योजना को निजी अस्पतालों के लिए बंद करने का तुगलकी फैसला लिया है, जिससे हिमकेयर कार्ड धारक अब प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं करवा पाएंगे। रमेश तोमर ने इसे हिमाचल की जनता के साथ क्रूरता बताया।
उन्होंने कहा, “आज कांग्रेस सरकार के राज में प्रदेश में मेडिकल सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही हैं। सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है, जहां डायलिसिस जैसी सुविधा के लिए मरीजों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में पहले जो मरीज सरकारी व्यवस्था से तंग होकर प्राइवेट का रुख करता था, अब सुक्खू के मंत्रिमंडल ने हिम केयर कार्ड को निजी हस्पतालों में तुरंत प्रभाव से बंद करके प्रदेश की गरीब जनता पर भी कुठाराघात किया है।”
रमेश तोमर ने यह भी कहा, “हिमकेयर योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज होता रहा है। हिमाचल और हिमाचल के बाहर 141 निजी स्वास्थ्य संस्थानों में हिमकेयर कार्ड चलता था। सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों की संख्या 292 है, जहां ये हिमकेयर कार्ड की सुविधा मिलती आ रही थी, मगर अपने आर्थिक कुप्रबंधन के चलते कांग्रेस ने भाजपा की एक और जनहित की योजना की बलि ले ली।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही विकास कार्य ठप्प हो गए हैं पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा जनता को सुविधा देन के लिए जो सरकारी कार्यालय खोले गए थे उन्हे बंद करके द्वेष कि भावना से काम कर रही है आज सरकारी हस्पतालों में डॉक्टरों व नर्सों की भारी कमी है उनकी नियुक्तियों के सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है
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