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भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कांग्रेस के नेता कहते हैं की उनको हिमाचल की भाजपा सरकार के विकास कार्य नजर नहीं आते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे कांग्रेस को हाल के वर्षों में पार्टी छोड़ने वाले अपने ही वरिष्ठ नेता नजर नहीं आते। भारत 1947 में ही आजादी के साथ संगठित हो गया था। हां इसी कांग्रेस के कुछ नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद-370 और 35A जैसे प्रावधानों से जरूर भारत को तोड़ने का काम किया था। ये तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35-A को हटाकर फिर से भारत को जोड़ने का काम किया। उधर, कांग्रेस एक बार फिर भारत को जोड़ने नहीं बल्कि तोड़ने का ही काम कर रही है। खन्ना ने कहा कांग्रेस ने इस यात्रा में हिमाचल प्रदेश को शामिल नहीं किया है। इससे यह लगता है कि कांग्रेस नेताओं की नजर में हिमाचल प्रदेश का कोई अस्तित्व ही नहीं है। कांग्रेस का मकसद भारत जोड़ने का नहीं तोड़ने का है। भारतीय राजनीति में परिवारवाद की जनक कांग्रेस को छोड़कर उनके नेता दूसरी पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। क्या कांग्रेस ने सोचा कि आखिर ऐसा क्यों? खन्ना ने कहा गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कपिल सिब्बल, जितिन प्रसाद, हार्दिक पटेल, सुनील जाखड़, आरपीएन सिंह और कुलदीप बिश्नोई जैसे कई नेता है, जो कांग्रेस छोड़कर दूसरी पार्टी में गए हैं। सोनिया गांधी का पुत्र मोह कांग्रेस को बर्बादी के मुहाने पर ले आया है, इसी ढर्रे पर अब हिमाचल प्रदेश में प्रतिभा सिंह भी चल रही हैं। दिल्ली में कांग्रेस द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा प्रतिभा सिंह ठाकुर बोलती हैं की ‘हम हिमाचल प्रदेश को राहुल गांधी की झोली में डाल देंगे’। हिमाचल के कांग्रेसी नेताओं की दिल्ली दरबार में विशेष रूप से एक परिवार के महिमामंडन एवं चरण वंदना की आदत ने हिमाचल प्रदेश को शर्मसार किया है।
हिमाचल के गौरवशाली इतिहास और यहां की जनता के स्वाभिमान का कांग्रेस नेताओं ने अपमान किया है। चापलूसी करना कांग्रेस की आदत है और हाईकमान को खुश करने के लिए न तो इन्होंने देवभूमि का सम्मान किया और न ही यहां के लोगों की भावनाओं की कद्र। इनके नेता हिमाचल को अपनी जागीर समझते हैं, तभी तो प्रतिभा सिंह कह रही है, की हम हिमाचल जीत के राहुल गांधी की झोली में दे देंगे। बल्क ड्रग पार्क मोदी की देन हिमाचल को, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई ने हिमाचल कोंडिया था औद्योगिक पैकेज। खन्ना ने कहा दरअसल, आजादी के 75 साल बाद भी इनकी रजवाड़ाशाही की मानसिकता खत्म नहीं हुई है। यह कैसी सोच है हिमाचल के कांग्रेसी नेताओं की? जहां हिमाचल के निवासियों के मान-सम्मान और स्वाभिमान को दस जनपथ की चौखट पर रखकर कलंकित किया जा रहा है। कांग्रेस के लोग आज कह रहे हैं कि जयराम की सरकार ने पिछली सरकार के ही कामों का उद्घाटन किया है। लेकिन उन्होंने चुनाव से ठीक पहले किस तरह के कृत्य किए ? 2017 में जब पूर्व की वीरभद्र सरकार का आखिरी साल था इन्होंने जाते-जाते घोषणाओं की झड़ी लगा दी। जनता को ठगने के लिए इन्होंनें चुनाव से ठीक पहले 21 कॉलेज अनाउंस किए और उन कॉलेजों को खोलने के लिए एक-एक लाख का बजट भी रखा। जरा सोचिए एक लाख रुपये में कहीं कोई कॉलेज बना होगा, लेकिन कांग्रेस की दाद देनी होगी जिन्होंने चुनाव से पहले 21 कॉलेज खोलने के लिए एक-एक लाख रुपये का प्रावधान किया। क्या एक लाख रुपये में कॉलेज खुलता है ? एक लाख रुपये तक तो एक शिक्षक की हर महीने की सैलरी होती है। जब प्रदेश में जयराम सरकार आई तो लोगों के साथ धोखा न हो इसके लिए 21 में से 17 कॉलेज के लिए मुनासिब बजट का प्रावधान किया और उन कॉलेजों को मूर्त रूप दिया है। खन्ना ने कहा की राजनीति में आम आदमी पार्टी नई पार्टी आई है।
कांग्रेस के दूसरी तरफ दिल्ली की जनता को झूठ बोलकर एवं बरगलाकर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी खुद नए-नए तरीके के भ्रष्टाचार कर रही है। स्टिंग का ज्ञान देने वाला आज खुद स्टिंग के घेरे में है। इसका जवाब केजरीवाल को देना चाहिए कि इससे कितनी काली कमाई की ? दिल्ली में नई शराब नीति को लागू करके केजरीवाल और सिसोदिया ने अपनी तिजोरी भरी है। केन्द्रीय जांच एजेंसियों पर सवाल उठा रहे थे, अब स्टिंग के बाद केजरीवाल क्यों दिल्ली की जनता के सामने आते? मनीष सिसोदिया ने वादा किया था कि नई आबकारी नीति से दिल्ली सरकार को कर राजस्व में 10,000 करोड़ रुपये मिलेंगे, पर झूठ कहां ज्यादा टिकता है, नीति के लागू होने की पहली तिमाही में ही मुश्किल से मात्र 500 करोड़ रुपये ही सरकारी खजाने में आए। इनका नारा बिल्कुल सही है- एक मौका केजरीवाल को, एक मौका भ्रष्टाचार को भ्रष्टाचार के एक मामले में जब पंजाब में अपने मंत्री को बर्खास्त कर सकते हैं, तो क्यों मनीष सिसोदिया और सतेन्द्र जैन को बर्खास्त नहीं करते केजरीवाल?क्योंकि यह दोनों केजरीवाल के राजदार हैं। पुराने साथी हैं भ्रष्टाचार की कमाई आखिर यही लोग तो ऊपर तक पहुंचाते हैं। आखिर यह कैसी दोहरी नीति है कि एक तरफ आप भ्रष्टाचार के आरोप पर एक मंत्री को बर्खास्त करते हैं और दूसरी ओर मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अपने भ्रष्टाचारी नेताओं को बचाने के लिए झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं। यह लोग इतने गिर गए हैं कि हिमाचल के एक बेटे की आत्महत्या पर भी ओच्छी राजनीति करने से बाज नहीं आए। और केस को ही भटकाने की कोशिश की।
सीबीआई को सामने आकर सबूतों के साथ कहना पड़ा कि आप झूठ बोल रहे हैं और शराब घोटाले के मामले की जांच को भटकाने की कोशिश कर रहे हो।
नैतिकता के आधार पर तो केजरीवाल को खुद अपना मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए। दोनों पार्टियों की हालत ऐसी हो गई है कि कांग्रेस को अपने भागते हुए नेता नहीं दिखते, आम आदमी पार्टी को अपना भ्रष्टाचार नहीं दिख रहा तो ये दोनों पार्टियां हिमाचल प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा किए विकास को कहां से देखेंगे। मेरी एक सलाह है इन दोनों पार्टी के नेताओं को कि अगर आपको पिछले पौने पांच साल के दौरान हिमाचल प्रदेश में हुआ विकास नहीं दिखता तो आप केंद्र की आयुष्मान भारत या हिमाचल प्रदेश की हिमकेयर योजना के तहत अपना फ्री इलाज करवाएं। उन्होंने कहा की आप का मोहल्ला क्लिनिक और स्कूल के मॉडल फेल है।
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