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हिमाचल प्रदेश में संक्रमण रोकने के लिए 15 दिसंबर तक सख्त नियम लागू रहेंगे। इसके चलते इस समयावधि तक सभी राजनीतिक और सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। इसके अलावा लॉकडाउन की तर्ज पर कंटेनमेंट जोन की व्यवस्था प्रभावी होगी। जहां से संक्रमित निकलेगा, वहीं कंटेनमेंट जोन बना दिया जाएगा। जयराम सरकार के मंत्री अब कोरोना संक्रमण की ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं। हर मंत्री को एक जिला इस व्यवस्था को देखने के लिए दिया गया है। कोविड मरीज सीधे मंत्रियों से बात कर सकेंगे। कांटेक्ट ट्रेसिंग को स्पीडअप कर प्राइमरी व सेकेंडरी संपर्क तलाश कर उनके कोविड टेस्ट होंगे। सरकार अब पहले की तर्ज पर ही दोबारा से कांटेक्ट ट्रेसिंग और कंटेनमेंट जोन बनाने जा रही है। कंटेनमेंट जोन लॉकडाउन की तरह की काम करेंगे।
इसमें व्यवस्था की जाएगी कि अगर किसी गांव, मोहल्ले, गली में एक संक्रमित मिलता है, तो उस जगह को तीन दिन का कंनटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। अगर तीन मरीज संक्रमित मिलते हैं, तो पांच दिन के लिए यहां पर आवाजाही पूरी तरह से बंद हो जाएगी। न किसी को बाहर जाने की अनूमति होगी, न ही किसी को बाहर से आने की अनूमति होगी।सात से ज्यादा लोग एक ही गांव में संक्रमित मिलते हैं, तो 14 दिन के लिए कंटेनमेंट जोन बना दिया जाएगा। जिस समय लॉकडाउन लगा था, उस समय भी इसी तरह की व्यवस्था सरकार की ओर से की गई थी। कंनटेनमेट जोन वाले इलाकों में राशन, सब्जी, दूध समेत अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई भी सरकार द्वारा करवाई जाती है। अब राज्य में बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए सरकार इसी तर्ज पर कार्य करेगी।
दूसरी ओर सरकार के मंत्रियों की भी ड्यूटी भी विभिन्न जिलों में लगाई गई है। यह जिम्मा मंत्री की परफॉर्मेंस में गिना जाएगा। ऐसे में अगर कोई मंत्री लापरवाही बरतता है, तो सरकार कोई कदम भी उठा सकती है।सभी मंत्रियों को अस्पतालों पर नजर रखनी होगी। प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर रखना होगा। कोविड मरीजों को अपना फोन नंबर देना होगा, ताकि जरूरत के समय मरीज सीधे मंत्री से बातचीत कर सकें। बड़ी बात यह है कि मंत्री भी सप्ताह में दो बार कोविड मरीजों को बनाया जाने वाला खाना खाएंगे, ताकि पता चल सके की खाना कैसा बना है।
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