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पाँवटा साहिब में कोरोना महामारी में प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है और कोई भी यहां सुनने वाला नहीं है कोरोना पॉजिटिव केस में प्रशासन द्वारा अपनी मर्जी से गरीब लोग मजदूर किसान व गांव के लोगों को बफर बफर जोन व र कंटोनमेंट जॉन बना दिया जाता है जबकि शहरी क्षेत्र में ऑफिसर के यहां एवं सरकारी दफ्तरों का कोई हिसाब किताब नहीं है प्रशासन अपनी मर्जी से कहीं पर भी कंटोनमेंट जोन बना देता है और या फिर अगर उनका मन ना करे तो नहीं बनाते हैं। पाँवटा साहिब के लोग जानना चाहते हैं कंटोनमेंट एरिया घोषित किया जाता है उसका क्या आधार है। पाँवटा साहिब का वार्ड नंबर 4 लगभग 17 दिन एवं हरिओम कॉलोनी लगभग 30 दिन कंटेनमेंट जोन की वजह से बंद रही जिसमें सिर्फ एक लेडी एवं उसकी बेटी जो दिल्ली से आई थी वह पॉजिटिव थी और उन्हें सराह के हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था उसके बावजूद भी 28 से 30 दिन तक लोग अपने घरों में बंद रहने के लिए मजबूर हुए अब जब पाँवटा साहिब के सरकारी कार्यालयों में लोग पॉजिटिव आ रहे हैं तो सरकारी तौर पर उन कार्यालयों को बंद नहीं किया गया बल्कि लोग अपनी मर्जी से उन दफ़्तरों में नहीं बैठ रहे है
कोई भी अधिकारी उन कार्यालयों में नहीं मिल रहा है किंतु प्रशासन द्वारा पाँवटा साहिब तहसील, डीएसपी ऑफिस व अन्य स्थानों को न तो कंटेन्मेंट ज़ोन बनाया गया और ना ही कोई क्षेत्र सील किया गया इसके पीछे क्या कारण है यह जनता जानना चाहती है क्या मंत्री जी को बचाने के लिए जनता के जीवन को दांव पर लगाया जा रहा है या प्रशासन को जनता का कोई ख़्याल नहीं है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पाँवटा साहब भाजपा सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण चाहती है कि कहीं तो आप एकदम कंटोनमेंट घोषित कर देते हो और कहीं आप अपनी मर्जी से घोषणा नहीं करते हो इसके क्या आधार हैं और जिन क्षेत्रों में पॉजिटिव लोग मिले हैं उनको आज तक कंटोनमेंट जॉन या बफर जोन क्यों नहीं घोषित किया गया कोरोना महामारी के कारण लोगों में बहुत बुरी तरह से डर घर कर गया है और भाजपा सरकार एवं नेता एवं ऑफिसर अपने अपने सत्ता के नशे में चूर है इसका जवाब पाँवटा साहिब की जनता इन्हें आने वाले चुनावों में देगी। इस मोके पर ब्लॉक अध्यक्ष अश्विनी शर्मा, पूर्व विधायक किरनेश जंग, पूर्व मंडल प्रधान सुरजीत सिंह, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अवतार सिंह गारी नितिन शर्मा, मोहब्बत अली उपस्थित रहे।
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