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जिला सिरमौर के नाहन तहसील के देवनी पंचायत की उप-ग्राम खेड़ा मे एक व्यक्ति के करोना पॉजीटीव पाए जाने के बाद ग्राम पंचायत देवनी के साथ लगते क्षेत्र को सील कर कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के आदेश जिला दण्डाधिकारी सिरमौर डॉ0आर0के0परूथी ने आज जारी किए।
उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन की सीमाएं ग्राम पंचायत देवनी की उप ग्राम खेड़ा के 12 आवासीय घरों से खाली व कृषि भूमि तक, कंटेनमेंट क्षेत्र मारकंडा नदी के बाएं किनारे का क्षेत्र से उत्तर पूर्व में ग्राम कट्रोन से ग्राम नागल सुकेती जाने वाली सड़क और दक्षिण पश्चिम में रिजर्व वन क्षेत्र के बीच का क्षेत्र सम्मिलित है इसके अतिरिक्त कंटेनमेंट जोन को दक्षिण पूर्व में उपर खड़ अलग करती है और उत्तर पश्चिम में कृषि भूमि अलग करती है। कंटेनमेंट जोन की लंबाई सड़क से 400 मीटर ऊपर है जो कि वर्षा शालिका से शुरू होती है
और संजू के घर तक जाती है और मारकंडा नदी के बाएं किनारे से शुरू होकर लगभग 1 किलोमीटर ऊपर खड़ तक जोकि रामकरण की कृषि भूमि के क्षेत्र तक है। कंटेनमेंट जोन की चौड़ाई दक्षिण-पूर्व में लगभग 1 किलोमीटर है जो कि वर्षा शालिका से ऊपर पीडब्ल्यूडी सड़क तक जाती है कंटेनमेंट जोन की चौड़ाई उत्तर पश्चिम में 500 मीटर है जोकि संजू के घर से शुरू होकर रामकरण की कृषि भूमि तक के क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है का इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत विक्रम बाग की उप ग्राम कट्रोन को बफर जोन घोषित किया गया है
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में आपाताकालीन स्थिति को छोडकर किसी भी प्रकार की आवजाही, लोगों का एक ही स्थान पर इक्कठा होने पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति इस क्षेत्र की सीमाओं के भीतर किसी भी समारोह, प्रदर्शन, बैठकें, जुलूस, कार्यशाला समुदाय या धार्मिक आयोजनों का आयोजन नहीं करेगा।
प्रतिबंधित क्षेत्र में दवाइयों की दुकानों को छोड़कर अन्य दुकानें और वाणिज्यिक संस्थान रहेंगे। कन्टेनमेंट जोन के भीतर बैंक, सभी व्यवसाय और अन्य संसथान बंद रहेंगे। इस क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले सभी सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे बशर्तें सरकार द्वारा निर्धारित उचित सोशल डिस्डेन्सिग व रोटेशन प्रणाली को लागू करना होगा। इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र में स्थित अन्य कार्यालय बंद रहेंगे। कन्टेनमेंट जोन में सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति घरद्वार पर संबंधित वार्ड के पार्षद तथा नगर परिषद् के कार्यकारी अधिकारी की सहायता से की जाएगी। कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के इस क्षेत्र के अंदर नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति इन आदेशों का उल्लघन करते हुए पाया गया उसके विरूद्व आईपीसी की धारा 269, 270 व 188 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51, 54 व 56 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
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