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November 26, 2024

कोरोना महामारी में प्रदेश भाजपा सरकार की छत्रछाया में बढ रहा भ्रष्टाचार-पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह

News portals-सबकी खबर (शिमला )

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कोरोना महामारी के चलते प्रदेश भाजपा सरकार की छत्रछाया में व्याप्त भ्रष्टाचार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि इस संकट की घड़ी में रिश्वत लेने के आरोप में स्वास्थ्य निदेशक की  गिरफ्तारी से साफ है कि इसके तार सीधे भाजपा के बड़े नेताओं से जुड़े हैं। उन्होंने कहा है कि बिंदल का इस्तीफा, असल में भाजपा के भीतर जो अंतर्कलह चल रही है, उससे लोगों का ध्यान हटाने मात्र का यह एक असफल प्रयास है।

वीरभद्र सिंह ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में कोरोना किट्स, वेंटिलेटर, मास्क, सैनिटाइजर और पीपीई जैसे आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति को लेकर रिश्वत और प्रदेश सचिवालय में सैनिटाइजर की आपूर्ति घोटाले ने भाजपा की कथित ईमानदारी की पूरी पोल खोल दी है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनके 60 साल के राजनीतिक कॅरिअर में उन्होंने कभी कोई ऐसा दौर नहीं देखा जब इस तरह की विपदा के समय कोई राजनीतिक दल संगीन भ्रष्टाचार के आरोप में संलिप्त पाया जाए।
उन्होंने कहा है कि सरकार प्रदेश की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह असफल साबित हो रही है। लोगों को राहत देने की जगह महंगाई परोसी जा रही है। किसानों, बागवानों के साथ-साथ आम लोगों की समस्याओं की ओर सरकार का कोई भी ध्यान नहीं है। सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन नजर आ रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।


वीरभद्र सिंह ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़े इस रिश्वत मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। चूंकि यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है इसलिए इसकी संवेदनशीलता और भी बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री को इसकी पूरी जांच किसी सिटिंग जज से करवानी चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को जो जनहित के सुझाव दिए थे उसपर भी वह आज दिन तक खामोश बैठी है।

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