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November 22, 2024

भ्रष्टाचार : माजरा पंचायत प्रधान पर लगे ग्राम सभा में लोगों के नकली हस्ताक्षर करने व् सरकारी पैसों के दुरुपयोग के आरोप ,विजिलेंस को सौंपी शिकायत

News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब ) प्रदेश की व्यवस्था परिवर्तन सरकार में सिरमौर की पंचायतो में भ्रष्टाचार फल फूलता जा रहा है । यहां पर पंचायतों के प्रतिनिधियों द्वारा मनमर्जी के काम किया जा रहे हैं । ताजा मामला विकासखंड पांवटा साहिब की ग्राम पंचायत माजरा का सामने आया है | ग्राम पंचायत माजरा के उपप्रधान अनूप अग्रवाल वार्ड सदस्य नीरज बंसल, विवेक गुप्ता, सुरेंद्र कुमार व साजिदा परवीन, ऊषा देवी ने विजिलेंस विभाग व जिला पंचायत अधिकारी तथा जिला उपायुक्त सिरमौर के समक्ष शिकायत पत्र सौंपा है ,जिसमें आरोप लगाया गया है कि ग्राम पंचायत प्रधान माजरा के द्वारा 23 मार्च 2023 को ग्राम सभा का आयोजन किया गया था। जो कि दोपहर 3:00 बजे तक पूरी नहीं हुई थी। और 5% लोगों के भी हस्ताक्षर नहीं हुए थे। उसके बाद रजिस्टर में, पता नहीं कब, एक ही परिवार या एक ही राशन कार्ड में शामिल एक से ज्यादा लोगों के हस्ताक्षर किए गए। और रजिस्टर में हस्ताक्षर वाली जगह पर, पानी गिरा कर हस्ताक्षर धूमिल करने की कोशिश की गई। ताकि हस्ताक्षर को पहचाना नहीं जा सके। इस ग्राम सभा का कोलम  पूरा करने के बाद, 14 एफसी का पैसा ( पिछली पंचायत के कार्यकाल का बचा हुआ) जो कि लगभग 20.5 लाख रुपए था। निम्नलिखित कार्यों के माध्यम से प्रस्तावे डाले गए।1. प्रवेश द्वार = 3.5 लाख

2. श्मशान घाट कार्य = 5 लाख

3. वाटर कूलर = 1 लाख

4. सीमेंटेड बैंच = 3 लाख

5. एचपी स्टेट सिविल सप्लाई 37,858 रु

6. स्ट्रीट लाइट = 3 लाख

उसके बाद 31 मार्च को अचानक मीटिंग की जाती है। और इन सभी कार्यों की कोटेशन और बिल पास करवाए जाते हैं। जिसमें सभी सदस्य सहमति से हस्ताक्षर देते हैं। उसके बाद उसी दिन 31 मार्च को 100% पेमेंट ठेकेदार के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। इसमें से वाटर कूलर, मेन गेट और सीमेंटेड बैंच की पेमेंट 7.5 लाख M/s देवभूमि एंटरप्राइजेज और श्मशान घाट कार्य के (टाइल) M/s योग माया टाइल्स को कर दी जाती है। इस 100% पेमेंट को ट्रांसफर करने बारे किसी भी पंचायत सदस्य को नहीं बताया गया।

इस बारे में लगभग 4 महीने बाद, पता चला, कि पंचायत प्रधान के ‌द्वारा 100% ठेकेदारों के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है। जो वाटर कूलर एक लाख में खरीदा गया। पता चला कि उसकी बाजारू कीमत 40,000 रु से 42000 के बीच में है। जो सीमेंटेड बैंच 6400/- रु खरीदे गए। उनकी असली बाजारू कीमत लगभग 3700 रु है।
पंचायत मीटिंग में सदस्यों के द्वारा हंगामा करने पर, पंचायत प्रधान जी ने बताया की 1 लाख रु बैंच के और 30 हजार रु वाटर कूलर के ठेकेदार हमें वापस कर देगा। जबकि ठेकेदार के द्वारा वाटर कूलर सातवें महीने में, पंचायत में भेजा गया। जबकि पंचायत में पहले से ही एक वाटर कूलर पड़ा हुआ है। सीमेंटेड बैंच अगस्त महीने में लगाए गए। प्रवेश द्वार 8 महीने के बाद 20 नवंबर 2023 को लगाया गया।

श्मशान घाट में कार्य के लिए जिस ठेकेदार को 5 लाख रुपए दिए गए, उसने अभी तक श्मशान घाट में मात्र डेढ़ लाख रुपए की 9500 फ्लोर टाइल भेजी हुई है। और श्मशान घाट का कार्य अभी तक शुरू नहीं किया है।

जब पंचायत के सदस्यों द्वारा, इस बात का विरोध किया। कि अपने 100% पेमेंट ठेकेदार को क्यों की। और यह सभी कार्य अप्रैल महीने में ही हो जाने चाहिए थे। इसलिए ठेकेदार से सारा पैसा, ब्याज सहित वापस लेने के लिए कहा गया। और ठेकेदारों को पंचायत में बुलाने के लिए कहा। तब पंचायत प्रधान ने कहा कि न तो पैसा वापस होगा और न ही ठेकेदारों को पंचायत में बुलाया जाएगा। पंचायत प्रधान के द्वारा सीधे तौर पर यह कहा गया कि ऐसा नहीं होगा। तुम लोगों से जो बनता है कर लो।

इस तरह हम लोगों को लगता है कि सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया। और ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। हमें लगता है कि इसमें साफ-साफ कमीशन का खेल खुलकर खेला गया। इसके अलावा फरवरी माह में 275 बैग सीमेंट की पेमेंट (डोगरा गली, वार्ड नंबर 7 और बंगला बस्ती गली, वार्ड नंबर 4) हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन को की गई। और 31 मार्च 2023 को भी 37858 रुपए की पेमेंट एचपी सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन को कि गई। जोकि लगभग 400 बैका सीमेंट बनता है। और पंचायत स्टॉक रजिस्टर में 275 बैग दिखाया गया है। जबकि हकीकत में मात्र 30 बैग पुराने कार्य के बचे हुए हैं। जो की पूरी तरह से खराब

हो चुके हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायत प्रधान के द्वारा रमेश चंद्र अग्रवाल गली (वार्ड नंबर 7) बनाई गई। जिसकी अनुमानित की कीमत 2,40,000 रुपए खर्च किए गए। लेकिन इस गली के स्थानीय लोगों के दद्वारा पंचायत प्रधान पर, इस गली के कार्य में 1 लाख रुपए के गबन का आरोप लगाया गया। कृपया इसकी भी जांच की जाए।जब कोई भी सदस्य इस बात का विरोध करता है। और पूछताछ करता है, तो उसे सीधे-सीधे कहा जाता है कि तुमसे जो बनता है कर लो। पंचायत प्रधान का पति इस कमीशन के खेल में पूरी तरह से शामिल है। इन सभी कार्यों में पंचायत प्रधान के पति का पूरा पूरा हाथ है। पंचायत प्रधान के पति से हमें बराबर मारपीट और जान का खतरा बना हुआ है। माजरा पंचायत के उपप्रधान अनूप अग्रवाल वार्ड सदस्य नीरज बंसल, विवेक गुप्ता, सुरेंद्र,साजिदा परवीन , ऊषा देवी ने इस शिकायत के बारे में निष्पक्ष रूप से जांच की मांग की गई है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। और सरकारी पैसे में कमीशन के खेल का खुलासा हो सके। और दोषियों को सजा मिल सके।

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