न्यूज़ पोर्टल्स:सबकी खबर(सगड़ाह)
उपमंडल संगड़ाह की सर्दियों में बर्फ से प्रभावित रहने वाली 21 पंचायतों मे ठंडे मौसम के चलते इन दिनो एक बार फिर मैदानी इलाकों अथवा पड़ोसी राज्यों से काफी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। शनिवार को विकेंड के चलते क्षेत्र मे आम दिनों से अधिक सात दर्जन के करीब वाहन हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ व दिल्ली आदि से आए पर्यटकों के देखे गए।
गत मार्च माह तक जहां क्षेत्र में हिमपात जारी रहने के चलते बर्फ देखने के लिए पड़ोसी राज्यों से काफी संख्या में लोग पंहुचे, वहीं इन दिनों मैदानी इलाकों में हो रही तेज गर्मी से निजात पाने के लिए सैलानी पंहुच रहे हैं।इन दिनों हरियाणा व अन्य पड़ोसी राज्यों से क्षेत्र में आने वाले बाइकर्स व कईं अन्य चालकों को सरेआम वाहन अधिनियम की अवहेलना करते भी देखा जा सकता है। गत रविवार को “दिव्य हिमाचल” द्वारा इस बारे समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद पुलिस द्वारा करीब तीन घंटों में ऐसे ग्यारह बाइकर्स के चालान किए गए।
शनिवार को एक बार फिर जहां पड़ोसी राज्यों के कईं बाइकर्स बिना हेलमेट के नजर आए, वहीं बस अड्डा संगड़ाह में बसों के लिए निर्धारित जगह पर भी कईं बार सैलानियों के वाहन पार्क अथवा खड़े होते देखे गए। शनिवार सायं हरियाणा नंबर वाली एक कार में सवार लोगों की स्थानीय दुकानदारों से बहस होने के बाद बस अड्डा बाजार में लोगों ने करीब दस मिनट उक्त गाड़ी को घेर कर रखा।
गर्मियों में मैदानी इलाकों में जहां तापमान 40 पार कर जाता है, वहीं उपमंडल संगड़ाह के हिमालय जंगलों अथवा वादियों में अधिकतम तापमान मात्र 28 डिग्री के आसपास रहता है। संगड़ाह अथवा गिरिपार के जंगलों मे इन दिनों गृष्मकालीन प्रवास पर पहुंचे डव अथवा घुघती, पैराकिड्स, बुलबुल व कुक्कू आदि समय विजिटर पक्षी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने हैं।
क्षेत्र में इन दिनों खट्टे-मीठे काफल के फल भी सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं। सड़क के किनारे कुछ जगहों पर ग्रामीण राहगीरों अथवा सैलानियों को औषधीय गुणों से भरपूर मेरिका एस्कुलेंटा अथवा काफल फ्रूट बेचते हैं। क्षेत्र में हालांकि विगत दो दशक से सैलानियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, मगर यहां पर्यटन विकास के नेताओं व अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो रहे है। संगड़ाह जिला सिरमौर का एकमात्र उपमंडल है जो अब तक राज्य अथवा राष्ट्रीय उच्च मार्ग से नहीं जुड़ सका है।
गत साढ़े छः साल में वाहन दुर्घटनाओं मे क्षेत्र में 123 लोगों की जान ले चुकी है। क्षेत्र की खस्ता हालत सड़कें स्थानीय लोगों के अलावा सैलानियों के लिए भी परेशानियों का सबब बन रही है। 30, दिसंबर, 2007 को पंचतत्व में विलीन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी की स्मृति में उनके गृह नगर संगड़ाह में प्रस्तावित पार्क का निर्माण आज तक शुरू नहीं हो पाया। गत 24, अगस्त, 2018 को किंकरी पार्क के लिए दो बीघा जमीन तथा 10 लाख का शुरुआती बजट उपलब्ध होने के बावजूद जिला सिरमौर प्रशासन अथवा हिमुडा द्वारा शेष 20 लाख के बजट का प्रावधान न होने के चलते निर्माण कार्य शुरू नही करवाया जा सका। गत विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं द्वारा क्षेत्र के पर्यटन विकास के वादे दोहराए गए।
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