News portals-सबकी खबर (संगड़ाह) सिरमौर जिला के राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह से पढ़े विनोद कुमार व विपिन सिंह का असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना आज साकार हो चुका है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सोमवार को जारी किए गए सहायक प्रोफेसर Music Instrumental के 17 पदों के result में 2 पर संगड़ाह के छात्र काबिज हुए। Assignment Professor चयनित विनोद कुमार उर्फ बंटी ने 10+2 की पढ़ाई अपने गांव लुधियाना के सरकारी School से की। बंटी के पिता हिरदा राम ने खेती- मजदूरी से अपने बच्चों को पढ़ाया और आज जब उनकी मेहनत रंग लाई तो दुर्भाग्य से वह यह देखने के लिए दुनिया में नहीं है।2019 में विनोद कुमार की माता और 2020 में पिता का अल्पायु में ही निधन के बाद घर की आर्थिक स्थिति और खराब होने के बावजूद इस मेधावी छात्र ने हिम्मत नहीं हारी। Himachal University से PhD कर रहे विनोद ने 2017 में JRF निकाल लिया था, जिसके चलते उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए फैलोशिप मिलती रही। बंटी को 2021 में JNV किश्तवाड़ मे बतौर TGT नौकरी मिल गई थी, मगर इसके बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य तक पंहुचने के लिए पढ़ाई भी जारी रखी और JRF की तरह सामान्य वर्ग से College cadre Assistant Professor चयनित हुए। एसिस्टेंट प्रोफेसर बने उपमंडल संगड़ाह के गांव भलाड़ के रहने वाले विपिन सिंह भी किसान परिवार से संबंध रखते और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी नाजुक थी।Government College संगड़ाह में वर्ष 2017 मे जब वह 2nd Year मे में थे तो उनके पिताजी नेत्र सिंह का देहांत हो गया और जैसे-तैसे ग्रेजुएशन का खर्चा परिवार कर सका। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से Music मे MA किया और 2020 में NET की परीक्षा पास की। विश्वविद्यालय में पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए वह एक रेस्टोरेंट में नौकरी करते थे। Public Service commission द्वारा आज जारी सहायक प्रोफेसर के 17 पदों के परिणाम में से 2 Class-1 Gazetted Post संगड़ाह महाविद्यालय के छात्रों ने हासिल कर क्षेत्र व जिला का नाम रोशन किया। इसके अलावा वर्ष 2014 से इस संगड़ाह महाविद्यालय में बतौर PTA सहायक प्रोफेसर सेवाएं दे रही रश्मि ठाकुर ने भी Assistant Professor परीक्षा पास की। रोचक तथ्य यह भी है की, विपिन सिंह रश्मि के ही Student रहे हैं। संगड़ाह अथवा सिरमौर से संबंध रखने वाले इन तीन मेधावी छात्रों के चयन से महाविद्यालय के छात्र, इनके परिचित व परिजन बेहद उत्साहित है और Social Media पर लगातार लोग इन्हें बधाई दे रहे हैं। गौरतलब है कि, वर्ष 2006 में शुरू हुए राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह से इससे पहले मोनिका, अंबरा, दिनेश, ममता, पूनम व अनिल भी अलग-अलग विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर चयनित हो चुके हैं। अब तक 8 सहायता प्रोफेसर दे चुके इस महाविद्यालय में विज्ञान संकाय का 1 भी Assistant Professor न होने को लेकर छात्रों में विभाग व सरकार के प्रति नाराजगी भी है।
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