News portals-सबकी खबर (कांगड़ा)
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद भी बच्चों में एनीमिया की समस्या एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। जिला टास्क फोर्स की बैठक में सीएमओ कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि जिला कांगड़ा में एनीमिया मुक्त हिमाचल अभियान में अब तक छह महीने से 10 साल तक के 73 प्रतिशत बच्चों की जांच की जा चुकी है,जांच में जिले में 44 प्रतिशत बच्चे स्वस्थ और 56 प्रतिशत बच्चों में एनीमिया पाया गया है।इसके साथ ही उपायुक्त गंधर्वा राठौर ने बैठक में विभागीय अधिकारियों को जिला कांगड़ा में बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।गंधर्वा राठौर ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त समय पर टीकाकरण बहुत आवश्यक है। सही समय पर टीकाकरण न होने के कारण बच्चों की ग्रोथ पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग और अभिभावक को सही समय पर बच्चों को लगने वाले टीकों का विशेष ध्यान रखें अतिरिक्त उपायुक्त गंधर्वा राठौर ने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों के लिए प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को हर प्रकार का सहयोग उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि बच्चों का पूरा टीकाकरण अपने अपने स्तर पर सुनिश्चित करें। सीएमओ ने बताया कि अब नियमित टीकाकरण में जनवरी से नौ महीने के बच्चों को फ्रेक्शनल आईपीवी की तीसरी डोज भी दी जाएगी।उन्होंने बताया कि यह डोज नौवें महीने में एमआर वैक्सीन के साथ दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मीजल्स रूबेला उन्मूलन के अंतर्गत 95 प्रतिशत बच्चों को दो साल तक की उम्र में मीजल्स रूबेला की दो डोज सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। बैठक में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वंदना के अतिरिक्त खंड शिक्षा अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, स्वयंसेवी संगठन और स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।
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