एक माह पहले शुरू होती थी तैयारियां
News portals सबकी खबर (संगड़ाह)
दीपावली के लिए अब मात्र एक माह शेष होने के बावजूद इस बार कोरोना महामारी के चलते बाजार से रौनक गायब है। अपनी लोक संस्कृति व परम्पराओं के संरक्षण के लिए मशहूर जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में सदियों से दिवाली का लगभग सप्ताह भर हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। गिरिपार क्षेत्र के अधिकतर गांव में जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहती है। क्षेत्र के विभिन्न गांवों में चौदश, अंवास, पोड़ोई, दूज, तीज, चौथ व पंचमी आदि के नाम से यह पर्व मनाया जाता है तथा इस सांस्कृतिक संध्याओं का दौर चलता है।
साल के इस प्रमुख उत्सव में लोग मेहमानवाजी भी करते हैं तथा सिरमौरी व्यंजनों का भी भरपूर आनन्द उठाते है। गत वर्ष तक हांलांकि लोग एक महीने पहले से ही दिवाली की तैयारियों में जुट जाते थे, मगर इस वर्ष पहले जैसा जोश नजर नही आ रहा है। यही नही नवरात्रे को लेकर भी पहले ग्रामीण काफी उत्सुक दिखते थे, मगर इस बार ऐसा नही है। वैश्विक कोरोना महामारी ने दीपावली का उत्साह लगभग समाप्त कर दिया है। गिरिपार क्षेत्र के उपमंडल शिलाई, संगड़ाह व राजगढ़ आदि में दीपावली के एक माह बाद है।
नौहराधार व संगड़ाह आदि इलाकों में दिवाली से भैयादूज तक आम तौर पर रात को सांस्कृतिक संध्याओं का दौर चलता है, जिसमें हिमाचल के ख्यातिप्राप्त कलाकारों द्वारा दर्शकों का मनोरंजन किया जाता है। इस बार कोरोना के चलते संध्याओं का आयोजन भी संभव नहीं लग रहा है, जिससे युवा वर्ग व कलाकार दोनों मायूस है। सूबे के लोक कलाकार करीब 8 माह से बेरोजगारी का दंश झेल रहे है। बहराल इस साल जहां कोरोनावायरस क्षेत्रों में बैसाख मास में होने वाले बीशु मेलों को निगल गया, वहीं दशहरा व दिवाली को लेकर भी बाजारों व आम लोगों में मायूसी छाई हुई है।
Recent Comments