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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज नई दिल्ली में औषधि उत्पादों तक पहुंच पर आधारित विश्व सम्मेलन का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमें बड़े पैमाने पर जन कल्याण के लिए ज्ञान को साझा करने में इस विश्व सम्मेलन का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें चर्चाओं को व्यावहारिकता में बदलने की एक सशक्त प्रणाली विकसित करनी चाहिए। इस अवसर पर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, बांग्लादेश सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जाहिद मलिक, भूटान की स्वास्थ्य मंत्री सुश्री ल्योनपो डिचेन वांग्मो, नेपाल के उप प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री उपेन्द्र यादव तथा नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल आदि भी उपस्थित थे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सशक्त नेतृत्व में सभी नीतिगत निर्णयों एवं कार्यक्रमों में स्वास्थ्य के मुद्दे को प्रमुखता दी गई है। उन्होंने कहा कि समतामूलक, किफायती स्वास्थ्य सुविधाओं तक आसान पहुंच कायम करना हमारे सभी प्रयासों के केन्द्र में है।
व्यापक स्वास्थ्य कवरेज के तहत विश्व भर में चिकित्सा उत्पादों के बारे में अनुभवों को साझा करने तथा पहुंच बढ़ाने में इस सम्मेलन को एक बहुमूल्य मंच बताते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस सम्मेलन से किफायती एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उत्पादों के बारे में अभिनव चिंतन का मार्ग प्रशस्त होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस ने वीडियो संदेश के माध्यम से सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने विश्व भर के लोगों के लिए चिकित्सा उत्पादों की किफायती उपलब्धता के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की वचनबद्धता दोहराई।
उद्घाटन सत्र में ‘पोजिशन पेपर-2019 वर्ल्ड कांफ्रेंस ऑन एक्सेस टू मेडिकल प्रोडेक्ट्स- एचिविंग द एसडीजी 2030’, ‘व्हाइट पेपर ऑन सेफटी ऑफ रोटावायरस वेक्सीन इन इंडिया: स्मार्ट सेफटी सर्वेलेंस अप्रोच’ और ‘नेशनल गाइडलाइन्स फॉर जीन थेरेपी प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड क्लीनिकल ट्रायर्ल्स’ का विमोचन किया गया।
इस कार्यक्रम में सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. अरुण पांडा, जैव प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव डॉ. रेणू स्वरूप, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में विशेष सचिव अरुण सिंघल, विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यकारी निदेशक सुश्री नाटा मिनाबडे, भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. हेंक बेकेडम, राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक, विकास साझेदार, नागरिक समाज के प्रतिनिधि, अन्य स्वास्थ्य संगठनों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों तथा लगभग 40 देशों से आए अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ उपस्थित थे।
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