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देश के कई राज्यों में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू है। इसी तर्ज पर अब सूबे में भी यही व्यवस्था की जा रही है। शिक्षकों की ड्रेस के रंग तय करने के लिए अधिकारियों ने अन्य राज्यों का ड्रेस कोड स्टडी करना शुरू कर दिया है। विषय विशेषज्ञों से भी मदद ली जाएगी। बीते दिनों ही उच्च शिक्षा निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंस कर सभी जिला उपनिदेशकों को शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्कूल में फैशनेबल कपड़े पहनकर आने पर रोक लगाने को कहा है।
हिमाचल के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर अब ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूली बच्चों की तर्ज पर अब अध्यापकों के लिए भी ड्रेस कोड बनाया जा रहा है। निदेशालय के स्तर पर इस पर काम शुरू हो गया है। इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर जल्द सरकार को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो प्रस्ताव में शिक्षकों के लिए फॉर्मल ड्रेस और शिक्षिकाओं के लिए साड़ी या साधारण सूट-सलवा की ड्रेस कोड तय किया जाएगा।
कुछ सरकारी स्कूलों में है ड्रेस कोड
हिमाचल के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए अब ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी है। प्रदेश के कुछ सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपलों ने सरकार से मंजूरी लेकर अपने स्तर पर ही शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू कर रखा है। सोलन जिले के धुंधन स्कूल में शिक्षकों के लिए तय ड्रेस का शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज कई कार्यक्रमों में उल्लेख करते हुए अन्य प्रिंसिपलों से भी इस बारे अपील कर चुके हैं। स्कूलों में फैशनेबल कपड़े पहनकर आने वाले शिक्षकों पर लगाई रोक का मामला सोशल मीडिया पर छा गया है। कुछ शिक्षक जहां इन आदेशों का विरोध कर रहे हैं, वहीं कुछ शिक्षक ड्रेस कोड की वकालत करते हुए इस आदेश के पक्ष में हैं। निदेशक के इस फरमान को लेकर सोशल मीडिया पर खूब व्यंग्य भी कसे जा रहे हैं।
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