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नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि नशा एक धीमा जहर है जो धीरे-धीरे आमजन, परिवार व समाज व देश की उन्नति के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि नशे के समूल उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। देवेंद्र ठाकुर आज नगर परिषद सोलन के सभागार में ‘नशे से परिवार एवं समाज बचाओ पर चर्चा’ के तहत नगर परिषद सोलन के कर्मचारियों एवं अन्य को संबोधित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम का आयोजन मादक द्रव्यों के सेवन एवं मदिरा व्यसन पर रोक के लिए 15 दिसंबर, 2019 तक प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत किया गया।
कार्यक्रम में परिवार, आवाम व समाज पर नशे के दुष्प्रभाव विषय पर विस्तृत चर्चा की गई।
देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नशा उन्मूलन के लिए चलाया गया यह अभियान सराहनीय कार्य है। उन्होंने उपस्थित लोगांे से आग्रह किया कि निःसंकोच नशामुक्ति केंद्र में जाएं तथा नशे की दुष्प्रवृति से स्वयं को बचाएं।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी सोलन विवेक चंदेल ने इस अवसर पर कहा कि नशा न केवल व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम बनाता है अपितु इस दुष्प्रवृति में संलिप्त व्यक्तियों के परिवार भी नष्ट हो जाते हैं।
विवेक चंदेल ने कहा कि नशे की हानियों से परिचित होते हुए भी आज व्यक्ति नशा करता है और नशे का पूरी तरह आदी हो जाने पर पीडि़त व्यक्ति का नशे के चंगुल से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि नशे से पीडि़त व्यक्ति किसी भी प्रकार से राष्ट्र का भला नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अक्सर व्यक्ति मानसिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए नशा लेना आरंभ करता है और समय के साथ उसे पता ही नहीं चलता कि कब वह नशे का आदि हो गया।
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि अपने आस-पड़ोस में भी नशे की हानियों के बारे में लोगों को अवगत करवाएं तथा नशे के कारोबार के संबंध में जानकारी प्राप्त होते ही तुरंत पुलिस को सूचित करें।
इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी सोलन रोहित राठौर ने युवाओं को नशे से बचाने के लिए अध्यापकों व अभिभावकों की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे के अभिभावक नशे के आदी हैं तो सर्वप्रथम उन्हें नशा त्यागना होगा। ऐसे अभिभावक अपना उपचार तुरंत किसी नशामुक्ति केंद्र में करवाएं। उन्होंने कहा कि अक्सर युवा किसी दबाव या देखादेखी में नशे का सेवन करते हैं और उन्हें यह पता ही नहीं चलता कि वे कब नशे के आदी बन गए हैं। उन्होंने कहा कि घर पर बच्चों के सामने किसी भी रूप में नशे का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. वैशाली शर्मा ने क्षेत्रीय अस्पताल में स्थापित नशामुक्ति व परामर्श केंद्र की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल के कमरा संख्या 109 व 141 में नशा पीडि़त व्यक्ति के लिए निःशुल्क परामर्श व उपचार उपलब्ध है। उन्हांेने कहा कि नशे से पीडि़त व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 104 व 1040 पर भी संपर्क स्थापित कर जानकारी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि नशा छुड़ाने के लिए अच्छा पारिवारिक माहौल भी बेहतरीन कारक है। उन्होंने एक्टिव स्मोकिंग, पेसिव स्मोकिंग तथा थर्ड हैंड स्मोकिंग के बारे में भी जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता तथा नगर परिषद सोलन के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
अभियान के तहत आज जिला के कंडाघाट स्थित बाहरा विश्वविद्यालय में भी नशे पर चर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम में हिमाचल पुलिस सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी गीतांजलि ठाकुर ने छात्रों को विभिन्न प्रकार के नशों एवं उनके दुष्प्रभावों से अवगत करवाया।
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