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हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने हिमाचल प्रदेश में निर्मित दवाइयों के सैंपल फेल होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश के दवाई उद्योग में हिमाचल का योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है,प्रदेश के दवाई उद्योग की देश एवं प्रदेश में एक विशिष्ट पहचान रही है। देश के दवाई उद्योग को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के जाल से मुक्त करने और जेनरिक दवाइयों को बढ़ावा देने के संदर्भ में हिमाचल के दवाई उद्योग ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सांसद किशन कपूर ने कहा कि प्रदेश में निर्मित दवाइयों के सैंपल फेल होने से हिमाचल के दवाई उद्योग की साख को गहरा धक्का पहुंचा है। उन्होंने कहा है कि ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के मानकों के विपरीत इन दवाइयों के सैंपल फेल होने में जिन उच्च पदों पर आसीन लोगों की मिलीभगत रही है| उस की व्यापक जांच की जानी चाहिए, जिससे दोषियों का पर्दाफाश किया जाये और उन्हें कानून के अंतर्गत समुचित दंड दिया जा सके।उन्होंने कहा कि जिन लोगों के प्रश्रय में नकली दवाइयों का धंधा फल-फूल रहा है उस संबंध में भी जांच की जाए। सांसद किशन कपूर ने कहा कि प्रदेश के बद्दी, नालागढ़, बरोटीवाला, सोलन, कालाअंब और कांगड़ा में दवाई उद्योग निरंतर प्रगति कर रहा है। फार्मा उद्योग की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए सैंपल फेल मामलों की निष्पक्ष जांच कराई जाए। यह मामला क्योंकि वैश्विक है हो सकता है इसमें विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भी व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा के कारण कोई गहरी साजिश हो। उन्होंने कहा कि हिमाचल के श्रमजीवी और शांतिप्रिय लोग प्रदेश को इस आरोप से मुक्त देखना चाहते हैं।
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