News portals-सबकी खबर (संगड़ाह) सिरमौर जिला के उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में लाखों की लागत से लगे एलीवेटर अथवा लिफ्ट संबंधित अधिकारियों की लापरवाही से सफेद हाथी बने हुए हैं। 7 करोड़ की लागत के मिनी सचिवालय भवन का 18 नवंबर 2019 को तत्कालीन Chief Minister जयराम ठाकुर द्वारा उद्घाटन किए जाने के साथ ही हालांकि इस चार मंजिला इमारत में Elevator सुविधा चालू हो गई थी, मगर इसके बाद केवल वीआईपी मूवमेंट अथवा Media द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद ही कुछ समय तक इस लिफ्ट को चलाया जाता है।9 करोड़ की संगड़ाह Hospital Building का 5 मई 2022 को मुख्यमंत्री द्वारा बिना देखे अथवा वर्चुअल उद्घाटन किए जाने के दौरान हालांकि यहां लिफ्ट चालू नहीं हुई थी, मगर पिछले करीब 4 माह से 30 लाख की इस लिफ्ट को चालू हालत में बताया जा रहा है। गौरतलब है कि, Hospital में जहां हर रोज दर्जनों Patients को लिफ्ट होने के बावजूद सीढ़ियों अथवा रैंप से चक्कर काटकर जाना पड़ता है, वहीं Mini Secretariat में मौजूद Welfare, SDM, DSP व तहसील आदि 14 कार्यालयों में जाने के लिए भी दिव्यांगों व बुजुर्ग लोगों को 3 से 4 मंजिल सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है और यहां तो Ramp भी नहीं है। संबंधित कर्मचारियों के अनुसार अधिकारी बिजली का Bill अथवा खर्चा बचाने के लिए ठीक-ठाक एलीवेटर अथवा लिफ्ट को बंद रखे हुए हैं।जिला दिव्यांगता समिक्षा समिति के सदस्य एवं Para Sports Association Sirmaur के संस्थापक सुरेंद्र सिंह शर्मा ने स्थानीय प्रशासन अथवा संबंधित अधिकारियों से जल्द दोनों लिफ्ट चालू करने की अपील करते हुए कहा कि, वह इस मामले को Deputy Commissioner Sirmaur की अध्यक्षता में होने वाली दिव्यांगता समिक्षा समिति की अगली Meeting में भी उठाएंगे। Block Medical Officer Sangrah डॉ अतुल भारद्वाज ने कहा कि,दरअसल उन्होंने अब तक PWD से लिफ्ट का Licence नहीं लिया है और संबंधित कर्मचारियों को वह जल्द इस बारे औपचारिकताएं पूरी करवाने को कह चुके हैं। लोक निर्माण विभाग के SDO Electrical तोमर ने बताया कि, गुरुवार को वह संगड़ाह अस्पताल भवन लिफ्ट की फिर से Testing कर चुके हैं और यह ठीक चल रही है। उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाइसेंस के लिए अब तक Apply नहीं किया गया है और आज वह संबंधित Form भी BMO Office में दे चुके हैं। SDM स़गड़ाह डॉ विक्रम नेगी ने कहा कि, मिनी सचिवालय की लिफ्ट चालू हालत में है और इसे जरूरत पड़ने पर अथवा दिव्यांगो के कहने पर चलाया जाता है। उन्होंने कहा कि, गत नवंबर माह में विधानसभा Election के दौरान इसे चलाया गया था और यहां कोई नियमित चौकीदार न होने के चलते कईं बार इसमें बच्चे खेलते हैं, जिसके चलते अक्सर बंद रखा जाता है।
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