News portals-सबकी खबर (मंडी )
नगर निकाय चुनावों में बिना अनुमति किसी के मकान या दुकान पर चुनाव प्रचार सामग्री लगाना नेताजी को महंगा पड़ सकता है। ऐसा करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। चुनाव आयोग ने संबंधित अधिकारियों को इस पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। नगर निकाय के चुनाव घोषित होते ही चुनावी माहौल गरमा गया है। सियासी दलों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है।
शहरी निकाय या पंचायत चुनावों से पहले शायद ही नेताजी ने मतदाताओं का रुख किया हो, लेकिन चुनावी सीजन में उनकी याद आ जाती है। जिला निर्वाचन अधिकारी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से तय दिशा-निर्देशों की सख्ती से अनुपालना होगी। शिकायत संबंधित रिटर्निंग अफसर से की जा सकती है। शिकायत पर उम्मीदवार को नोटिस भेजा जाएगा।
प्लास्टिक की प्रचार सामग्री पर पाबंदी
प्लास्टिक की प्रचार सामग्री पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। किसी भी प्रचार सामग्री में प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता है तो उसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। नगर निकाय और पंचायत चुनावों में प्लास्टिक के झंडे, बैनर, टोपियों का काफी अधिक प्रयोग किया जाता है। प्रदेश में पहले से पॉलिथीन के लिफाफों पर बैन है। अब प्रचार सामग्री पर भी बैन लगा दिया गया है।
रिजल्ट के एक सप्ताह के भीतर हटानी होगी चुनावी सामग्री
नगर निकाय का परिणाम आने के एक सप्ताह के भीतर चुनाव सामग्री को प्रत्याशियों को हटाना होगा। ऐसा न करने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। चुनावों के परिणाम आने के बाद कई दिनों तक प्रचार सामग्री लगी रहती है। गंदगी का आलम भी रहता है।
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