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राज्य में सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी को लेकर सीमेंट कंपनियों ने अपना जवाब सरकार को भेज दिया है। यहां काम कर रही तीनों कंपनियों ने अपना जवाब दिया है, क्योंकि उद्योग मंत्री ने उनसे जवाब मांगा था। सूत्रों के अनुसार जवाब में उन्होंने तीन कारण बताएं हैं। सीमेंट कंपनियों की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया है कि पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर की तुलना में हिमाचल में सीमेंट का दाम पांच से लेकर 10 रुपए के बीच बढ़ाया गया है, जबकि पंजाब, हरियाणा व जम्मू में सीमेंट का मूल्य 15 रुपए तक प्रति बैग बढ़ाया गया था। उद्योग विभाग के कंट्रोलर ऑफ स्टोर को भेजे गए लिखित जवाब में अंबुजा और एसीसी ने सीमेंट का रेट बढ़ाने के पीछे डीजल व बिजली के दाम बढ़ने का कारण बताया है, जबकि अल्ट्राटेक कंपनी ने कोयला और डीजल दाम बढ़ने का हवाला दिया है। तीनों कंपनियों की ओर से दिए गए जवाब में डीजल, बिजली और सीमेंट निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के मूल्य में वृद्धि को मुख्य कारण बताया गया है। सीमेंट कंपनियों का कहना है कि कोरोना काल में सीमेंट का उत्पादन व खपत बंद होने से नुकसान हुआ है।
अब सीमेंट का बैकलॉग पूरा किया जा रहा है। सीमेंट के दाम बढ़ाने को लेकर कहा गया है कि ऐसा नहीं है कि हिमाचल प्रदेश में ही सीमेंट का दाम बढ़ाया गया है, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी सीमेंट का दाम पहले बढ़ाया गया था। कहा यह जा रहा है कि सीमेंट कंपनियां सरकार की बात को नहीं मान रही हैं। हिमाचल में बिजली के दाम नहीं बढ़े, डीजल के दाम पूरे देश में बढ़ रहे हैं, फिर भी यहां पर सीमेंट महंगा क्यों है और रेट क्यों बढ़ाए हैं, यह जवाब सरकार ने मांगा था। अब देखना यह है कि उनके जवाब के बाद सरकार क्या करेगी। उधर, उद्योग विभाग के निदेशक हंसराज शर्मा सीमेंट कंपनियों के जवाब से उद्योग मंत्री को वाकिफ करवाएंगे, जिसके बाद सरकार क्या निर्णय लेगी, यह देखना होगा।
कंपनियों के दावों में अलग-अलग तर्क
एसीसी कंपनी के जवाब में कहा गया है कि डीजल के दाम 39 फीसदी बढ़े हैं, जबकि अंबुजा का कहना है कि डीजल 30 फीसदी महंगा हुआ। महकमे को दी गई लिखित जानकारी में डीजल के अलावा बिजली महंगी होने के साथ-साथ कच्चे माल का मूल्य बढऩा कारण बताया है। अल्ट्राटेक कंपनी ने कोयला महंगा होने की बात कही।
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