News portals-सबकी खबर (नाहन )
नाहन शहर में जब मूंगफली के स्वाद की बात आती है तो गुन्नूघाट के महेंद्र सिंह उर्फ काला की मूंगफली स्टाल की तरफ हर किसी के कदम बढ़ते हैं। गुन्नूघाट के चौक पर महेंद्र उर्फ काला पिछले 40 सालों से मूंगफली का ठेला लगाकर अपनी विशेष स्वाद और साफ-सुथरी, खस्ता मूंगफली से हर किसी को दिवाना कर रहे हैं। सर्दी के मौसम के अलावा काला गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम का स्वाद भी नाहन वासियों को देते हैं। काला के मूंगफली ठेले पर देशी किस्म की विशेष मूंगफली के स्वाद के लिए नाहन शहर ही नही नाहन से बाहर अन्य राज्यों में रहने वाले लोग भी एक बार काला की मूंगफली का स्वाद लेने के बाद लगातार मांग करते हैं।
महेंद्र सिंह उर्फ काला ने बताया कि प्रात: चार बजे से उनकी मूंगफली को बेचने की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। मूंगफली की भुनाई के अहम हिस्से को पूरा करने के बाद ही ठेले पर लाया जाता है। यही कारण है कि काला की मूंगफली का स्वाद जहां मीठा और खस्ता होता है। मूंगफली के पौषक तत्त्व भी बरकरार रहते हैं। काला बताते हैं कि उनकी मूंगफली को नाहन के बाहर रहने वाले शिमला, यमुनानगर के अलावा यहां से बंगलूर बस गए लोग भी मूंगफली की मांग करते हैं, जिन्हें वह कुरियर में मूंगफली भेजते हैं। बता दें कि भले ही विभिन्न ब्रांड की मूंगफली आज बाजारों में बिक रही है, मगर ताजा व अपनी विशेष भुनाई व स्वाद की मूंगफली के लिए लोग महेंद्र उर्फ काला अंकल की मूंगफली को लेना ही पसंद करते हैं। काला ने बताया कि कढ़ाई में मूंगफली की भुनाई की जाती है। उन्होंने 40 वर्ष पूर्व मूंगफली बेचने का काम शुरू किया। उस दौरान 10 पैसे की 100 ग्राम मूंगफली बेचते थे। वहीं, आज 20 रुपए की 100 ग्राम मूंगफली बेचने का सफर तय कर लिया है, जिसमें उनके परिवार के चार सदस्य भी उनके साथ जुड़े हैं। वर्तमान में 200 रुपए प्रतिकिलो मूंगफली के दाम बिक रहे हैं।
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