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भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र की बैठक अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में सैनिक विश्राम गृह पांवटा साहिब में संपन्न हुई। जिसमें मुख्य रुप से केप्टन (रि.) एस पी खेड़ा, होरनेरी सुबेदार मेजर (रि.) सोम दत अत्रि, सार्जेंट (रि.) हरदेश कुमार बत्रा, सूबेदार (रि.) रियासत अली, हवलदार (रि.) जीवन सिंह, होरनेरी केप्टन (रि.) राजेंद्र थापा, सुबेदार मेजर (रि.) करनेल सिंह, उपाध्यक्ष दर्शन सिंह, सचिव नरेन्द्र सिंह, सह-सचिव मोहन सिंह, कोषाध्यक्ष तरूण गुरंग, सह-कोषाध्यक्ष तिलक राज व अन्य भूतपूर्व सैनिक उपस्थित रहे। संगठन ने सरकार के इस साहसिक कदम का स्वागत किया।
संगठन के अध्यक्ष विरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि देश में दो संविधान,दो प्रधान और दो निशान नहीं चाहिए। पहले सेना को जम्मू कश्मीर में कार्य करने में बहुत मुश्किलात का सामना करना पड़ता था क्योंकि एक जैसे कार्यों के लिए दोनों सरकार (केंद्र व राज्य) से सहमति तथा सहभागिता लेनी होती थी। जिससे कार्य में सामंजस्य बिठाने मे मुश्किलात आती थी और कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाता था।
सेना के हर कार्य में समय की बहुत बड़ी महत्वता होती है। अब जब धारा 370 व 35ए हट चुकी है और जम्मू कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है। इसका सार्थक असर सेना के कार्य और मनोबल पर पड़ेगा। और इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों को आतंकवाद से निजात मिलेगी।
स्थानीय लोगों को इसका बहुत फायदा मिलेगा। अब इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में विकास बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा और लोगों को सुख सुविधाएं मिलेगी तथा देश एकजुट होकर आगे बढ़ेगा। खासकर कारगिल और लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्रों में लोगों तथा देश की पहुंच आसानी से बढ़ जाएगी। क्योंकि देश की अखंडता के लिए एक विधान, एक प्रधान और एक निशान ही हो यह बहुत जरूरी है। संगठन के अध्यक्ष ने सभी राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वह अपनी राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में इस फैसले का स्वागत करें और देश तथा पूरे विश्व को अपनी एकजुटता का परिचय दें।
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