News portals-सबकी खबर (शिमला ) हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौर में प्रदेश में शराब माफिया की जड़े खोदने में आबकारी एवं कराधान विभाग काफी हद तक कामयाब रहा है। बताया जा रहा है कि करीब तीन सप्ताह तक चले चुनाव के दौर में करोड़ों रुपए की शराब बरामद की गई है। विभाग को टोल फ्री और व्हाट्सऐप नंबर जारी करने का भी सीधा फायदा मिला है। विभाग की टीमों ने प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के लागू होने और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक 15 करोड़ 35 लाख रुपए की शराब बरामद की है। इनमें बड़ी संख्या में प्रदेश के बाहर निर्मित शराब की बोतलें भी शामिल हैं। चंडीगढ़ और पंजाब में शराब सस्ती होने की वजह से चुनाव के दौरान इसे हिमाचल लाकर लोगों को परोसने की तैयारी थी। हालांकि आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस शराब को प्रदेश के मुख्यद्वार पर ही रोकने का प्लान तैयार किया था। इसके बावजूद बड़ी संख्या में शराब की बोतलें मंडी जिला तक पहुंच गई।बता दे कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने दूध और सब्जी की गाडिय़ों में शराब की तस्करी होने की बात कही थी और इसके बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी को कड़ी किया गया। पड़ोसी राज्यों के नोडल अधिकारियों से मिले इनपुट के आधार पर भी कई जगह दबिश दी गई। इसके अलावा अवैध कारोबार पर हिमाचल और पंजाब पुलिस के साथ मिलकर साझा आपरेशन चलाया गया। इसमें विभाग की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। खासतौर पर कांगड़ा जिला के नूरपुर, ऊना और सिरमौर में लगतार अभियान चलता रहा। विभागीय टीम ने सात लाख 66 हजार 415 लीटर शराब पूरे प्रदेश में बरामद की है।पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में होने वाली हर हलचल पर नजर रखी जा रही थी। उधर, आबकारी एवं कराधान विभाग के राज्य आयुक्त युनुस ने बताया कि 15 करोड़ 35 लाख रुपए की शराब बरामद की गई है। इसके अलावा अन्य सामग्री भी विभाग ने जब्त करने में सफलता हासिल की है। सात लाख 66 हजार 415 लीटर शराब पकड़ी गई है।आबकारी विभाग ने विधानसभा चुनाव से पहले ही टीमों को अलर्ट कर दिया था। इसमें कोई भी चीज थोक में खरीदने की निगरानी की जा रही थी। इसमें कम कीमत के मोबाइल फोन से भारी तादाद में गुड़ की खरीद दोनों पर नजर रखी जा रही थी। इनके आधार पर विभाग की टीमों ने नूरपुर और सिरमौर में बड़ी सफलता मिली है।
Recent Comments