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प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आबकारी विभाग ने प्रदेश में अवैध शराब माफिया पर नकेल की तैयारी की है। प्रदेश ने पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के साथ मिलकर साझा टीमों का गठन किया है। यह टीमें सीमावर्ती इलाकों में गश्त करेंगी और उन तत्त्वों पर नजर रखेंगी, जो प्रदेश की सीमा में दाखिल हो सकते हैं। तमाम राज्यों की एक हाई लेवल मीटिंग आयोजित की गई है। इस मीटिंग में प्रदेश के मौजूदा हालात और विधानसभा चुनाव के दौरान पेश आने वाली स्थिति पर चर्चा की गई है। दरअसल, प्रदेश में दाखिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर से दर्जनों चोर रास्ते हैं और इन रास्तों से अवैध शराब की तस्करी बड़े पैमाने पर पूर्व में होती रही है। पंजाब और चंडीगढ़ में शराब सस्ती और मिलावटी होने से इसकी तस्करी प्रदेश में होने की संभावना है। राज्य आबकारी और कराधान विभाग ने इस तस्करी पर नकेल कसने के लिए प्रदेश में मुस्तैदी बढ़ाने का फैसला किया है, जबकि राज्य के बाहर एक बड़ा नेटवर्क बनाने की भी चर्चा की गई है। ताकि अवैध शराब को लेकर कोई बड़ी हलचल होती है, तो इसे जल्द ही ट्रेस किया जा सके।
इसके साथ ही आबकारी एवं कराधान विभाग आगामी दिनों में पुलिस की भी मदद लेने जा रहा है। जो चौकियां या थाने प्रदेश की सीमा पर हैं, उन्हें विभाग की टीम के साथ जोड़ा जाएगा। बता दे कि इस बैठक के बाद सभी राज्यों ने एक-दूसरे की मदद का आश्वासन दिया है और अपने-अपने क्षेत्र में चल रहे नेटवर्क को जल्द ध्वस्त करने की बात कही है। गौरतलब है कि हिमाचल में अवैध शराब का मामला बड़ा विषय रहा है। बीते दिनों मंडी में अवैध रूप से बनी जहरीली शराब के सेवन से आठ लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद विभाग ने पूरे प्रदेश में दबिश अभियान चलाया था और इस अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बनाई जा रही शराब बरामद की गई थी। अब ऐसा ही अभियान एक बार फिर विभाग विधानसभा चुनाव से ठीक पहले छेडऩे जा रहा है।
आबकारी एवं कराधान विभाग के राज्य आयुक्त युनुस ने बताया कि प्रदेश में शराब माफिया पर नकेल कसने की तैयारी हो चुकी है। इसके अलावा पड़ोसी राज्यों से भी विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक की गई है। बैठक में जो इनपुट सामने आए हैं उनके आधार पर विभाग अभियान चलाएगा।
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