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November 22, 2024

किसान-मजदूर संगठन 15 मार्च को करेंगे जिला व ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन ,आगामी 5 अप्रैल को संसद भवन दिल्ली पर विरोध रैली

News portals-सबकी खबर (शिमला ) किसान सभा ने अखिल भारतीय किसान आंदोलन को पुनः शुरू करने के लिए अखिल भारतीय किसान सभा तथा संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान के तहत प्रदेश में 1 से 15 मार्च तक गांव व पंचायतों के स्तर पर स्थानीय मुद्दों को शामिल करते हुए बैठकों, अधिवेशनों, प्रदर्शनों आदि के रूप मे अभियान चलाया है। तथा 15 मार्च को खण्ड स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे। और अगले चरण में 5 अप्रैल को दिल्ली में विशाल रैली होगी जिसमें लाखों की संख्या में किसान मजदूर हिस्सा लेंगे। यह ब्यान अखिल भारतीय किसान सभा तथा संयुक्त किसान मोर्चा  के राज्याध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर ,राज्य सचिव होत्तम सोंखला,राज्य वित्त सचिव सत्यवान पुण्डीर ने मिडिया को जारी करते हुए बताया है |
उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर मज़दूर- किसान संगठनों के सयुंक्त सम्मेलन आयोजित किये गए जिनमें केंद्र सरकार की  किसान और मज़दूर विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ आगामी 5 अप्रैल को संसद भवन दिल्ली पर विरोध रैली में भागीदारी की अपील की। केंद्र की मोदी सरकार निरन्तर मज़दूरों और किसानों के ख़िलाफ़ नीतियां बना रही है। सरकार बाल विकास, मिड डे मील, स्वास्थ्य, मनरेगा योजना के बजट में निरन्तर कटौती कर रही है और सभी सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को निजी हाथों को बेच रही है। मोदी सरकार ने इस बजट में ही मनरेगा के बजट में 33 प्रतिशत कटौती कर दी है जिस कारण अब मज़दूरों को निर्धारित दिनों का काम नहीं मिल पाएगा। सभी प्रकार के स्थायी रोज़गार ख़त्म किये जा रहे हैं और ऑउटसोर्सिंग, ठेके और फिक्स्ड टर्म का रोज़गार दिया जा रहा है।मज़दूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने 44 श्रम क़ानूनों को समाप्त करके चार सहिंताओं में बदला जा रहा है। लेकिन मज़दूर संगठनों के विरोध के कारण अभी तक वे इन्हें लागू नहीं किया जा सका है। इसलिए ट्रेड यूनियनों की सरकार से मांग है कि इन सहिंताओं को रद्द किया जाये। किसान सभा का मानना है कि देश के स्तर पर पिछले साल सयुंक्त किसान मोर्चे के लंबे सँघर्ष के बाद तीन कृषि क़ानूनों को वापिस लेना पड़ा था लेक़िन न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का वादा केंद्र सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है और स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट भी लागू नहीं की है।हिमाचल प्रदेश में फोरलेन, राष्ट्रीय उच्च मार्ग और हवाई अडडों के लिए अधिकृत की जा रही भूमि का चार गुणा मुआवजा देने की सरकार से मांग की जाएगी।बल्ह में बनाये जाने वाले हवाई अड्डे का विरोध किया जाएगा और इसे किसी गैर उपजाऊ भूमि पर बनाया जाये। इसके अलावा जंगली जानवरों और आवारा पशुओं, लंपि रोग, खाद बीज की समस्या के समाधान की भी मांग उठाई जायेगी। प्रथम चरण में हिमाचल किसान सभा 1 मार्च से घर घर संपर्क अभियान शुरू करने का निर्णय लिया था और 15 मार्च को खण्ड व ज़िला स्तर पर प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। दूसरे चरण में 5 अप्रैल तक चलाया जाएगा और दिल्ली संसद भवन के बाहर होने वाली रैली तक चलेगा जिसके तहत हज़ारों घरों में दस्तक दी जायेगी और पर्चा वितरण किया जायेगा। इस देशव्यापी अभियान में सभी फसलों व फलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने तथा कृषि कानूनों को मोदी सरकार द्वारा वापस लेते समय किये गये वादों को लागू करने के लिए प्राथमिकता से दबाव बनाया जाएगा।

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