News portals-सबकी खबर (नाहन)
प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में पहली बार खोले गए धान खरीद केंद्र में इस वर्ष अब तक 38 करोड़ से अधिक की धान की फसल खरीदी जा चुकी है। इसकी एवज में हिमाचल के 400 से अधिक किसानों को धान की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। हिमाचल में पहली बार धान खरीद केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किए गए हैं जिसका सीधा लाभ हिमाचल के धान उत्पादकों को मिल रहा है। सरकार के प्रयास से भारतीय खाद्य निगम ने धान खरीद को लेकर 20 मीट्रिक टन का आंकड़ा पार कर लिया है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत यह पहला मौका है कि प्रदेश में नौ जगह एफसीआई द्वारा किसानों का धान खरीदा गया है। बड़ी बात तो यह है कि प्रदेश के किसानों से खरीदे गए धान का भुगतान भी 24 घंटे के भीतर ही करवा दिया गया है।
प्रदेश के करीब चार हजार किसानों को सीधे-सीधे फायदा पहुंचाते हुए उनके खाते में 38 करोड़ से अधिक पैसा डाला जा चुका है। भारतीय खाद्य निगम वित्त एवं लेखा उप-महाप्रबंधक राजेश वर्मा ने बताया कि यह उनका पहला प्रयास रहा है। उन्होंने बताया कि पोर्टल के माध्यम से किसानों का धान सीधे खरीदा जाना सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस पहले प्रयास में कुछ खामियां भी रही हैं जिन्हें अगले वर्ष की खरीद तक ओर ज्यादा प्रभावशाली बना दिया जाएगा। इसी सिलसिले में भारतीय खाद्य निगम द्वारा बुधवार को कालाअंब में आजादी अमृत महोत्सव के तहत एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें मार्केट कमेटी के चेयरमैन रामेश्वर शर्मा बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। इसके अलावा डीएफएससी पवित्रा पुंडीर भी विशेष रूप से मौजूद रही।
इस अवसर पर उप-महाप्रबंधक ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम 1965 से देश की सेवा में निर्बाध रूप से प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम जहां एक ओर किसानों से एमएसपी पर खाद्यान्न खरीदता है तो वहीं पंजाब जैसे क्षेत्रों से हिमाचल प्रदेश में अनाज का परिचालन भी करता है। गौर हो कि बीते वर्ष भारतीय खाद्य निगम के द्वारा हिमाचल प्रदेश के पांच राजस्व जिलों से आठ गेहूं खरीद केंद्रों के माध्यम से 13 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदी गई थी, जिससे प्रदेश के 3258 किसानों को 25.75 करोड़ का भुगतान भी किया गया था। वहीं इस वर्ष शुरू की गई धान खरीद में नालागढ़ मालीपुर, पांवटा साहिब, धर्मशाला, ऊना जिला सहित प्रदेश की नौ मंडियों में किसानों का धान खरीदा गया है। इससे भी बड़ी बात तो यह है कि धान खरीद को लेकर समयसीमा को भी अनिश्चित रखा गया है। श्री वर्मा ने बताया कि केंद्रीय पुल के लिए खरीफ वर्ष 2020-21 में 894 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है। इसी तरह वर्ष 2021-22 में 433 लाख मीट्रिक टन गेहूं की अधिप्राप्ति की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम सिर्फ रिकार्ड खरीद नहीं कर रहा है, बल्कि दिन-प्रतिदिन अपने ऑपरेशन में नई तकनीक का भी इस्तेमाल कर रहा है। पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत पूरे देश में कुल 565 लाख मीट्रिक टन गेहूं एवं चावल का कोविड-19 में मुफ्त वितरण किया गया है।
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