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हिमाचल प्रदेश के तीन सहकारी बैंकों को नाबार्ड की ओर 350 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिली है। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक निलय डी कपूर ने बताया कि नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय, शिमला ने राज्य के तीन सहकारी बैंकों को विशेष तरलता सुविधा के रूप में 350 करोड़ रुपए जारी किए हैं, ताकि बैंकों द्वारा कोविड-19 के आउट-ब्रेक के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण परिचालन शुरू करना सुनिश्चित किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, शिमला को इसके अलावा 200 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि भी आबंटित की गई है, जिसका संवितरण शीघ्र किया जा सकेगा। इन 350 करोड़ में स 206 करोड़ राज्य सहकारी बैंक शिमला को, 112 करोड़ कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक, धर्मशाला और 32 करोड़ जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक, सोलन को संवितरित किया गया, जिससे अपने कृषि कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए किसानों को बैंकों से निर्बाध ऋण प्रवाह को सुनिश्चित किया जा सके।
यह विशेष तरलता सुविधा ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंकों और सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों को तरलता सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नाबार्ड को उपलब्ध करवाए गए 25000 करोड़, जोकि भारत सरकार की वित्त मंत्री के राहत पैकेज के अंतर्गत है, से दिया गया है। अभी तक यही सोचा जा रहा था कि केंद्रीय सरकार का राहत पैकेज आखिर कैसे खर्च होगा। हिमाचल प्रदेश के तीन सहकारी बैंकों को मिली इस राशि से यहां पर लोन का आबंटन तेज हो सकेगा, क्योंकि इन बैंकों की भी वित्तीय स्थिति उस तरह की नहीं है। ऐेसे में अब नाबार्ड से सहायता मिलने के बाद ये बैंक आगे लोन दे सकेंगे, जिससे वित्तीय तरलता बढ़ेगी और मार्केट में पैसे का संचालन हो सकेगा।
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